
सतना। केंद्रीय कृषि मंत्री एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के सतना (Satna) दौरे पर गुरुवार को बड़ा बवाल हो गया। जिले में लंबे समय से चले आ रहे खाद संकट (Fertilizer crisis) को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं (Congress workers) एवं किसानों ने मंत्री के कार्यक्रम का विरोध कर दिया। कांग्रेसियों ने कृषि मंत्री को काले झंडे दिखाने और उनका घेराव की कोशिश की, जिसके चलते पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच जोरदार झड़प हो गई है। बढ़ते हंगामे और तनाव को देखते हुए चौहान का किसान संवाद कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
दरअसल, नागौद विधानसभा क्षेत्र के कुंदहरी गांव में शिवराज सिंह चौहान का किसान संवाद कार्यक्रम तय था। लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस नेत्री डॉ. रश्मि पटेल के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता बिहटा गांव में एकत्र हो गए। कार्यकर्ताओं ने खाद संकट को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि किसान खाद की किल्लत से परेशान हैं, लेकिन सरकार सिर्फ वादे कर रही है।
पुलिस और कांग्रेसियों के बीच धक्का-मुक्की
विरोध प्रदर्शन की भनक मिलते ही प्रशासन ने मौके पर उचेहरा समेत कई थानों का पुलिस बल तैनात कर दिया। जब कांग्रेस कार्यकर्ता ट्रैक्टर लेकर हाईवे की ओर बढ़ने लगे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर नारेबाजी और धक्का-मुक्की हुई। पुलिस का कहना है कि कांग्रेस कार्यकर्ता हाईवे जाम करने की योजना बना रहे थे। हालात काबू से बाहर न हो जाएं, इसलिए पुलिस लाइन से अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा।
बवाल के बाद रद्द हुआ केंद्रीय कृषि मंत्री का कार्यक्रम
मौके पर पहुंचे एसडीएम ने भी प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। लगातार बढ़ते तनाव के चलते ऐन वक्त पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कुंदहरी में होने वाला किसान संवाद कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। इस फैसले के बाद कांग्रेसियों का विरोध और तेज हो गया।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
कांग्रेस नेत्री डॉ. रश्मि पटेल ने कहा कि सरकार किसानों और जनता की आवाज से डर गई है। किसानों को खाद तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही, और जब विपक्ष सवाल उठाता है तो पुलिस का इस्तेमाल कर आवाज दबाई जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री में किसानों का सामना करने की हिम्मत नहीं थी, इसलिए उन्हें कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। हंगामे के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता किसी तरह हाईवे तक पहुंचे और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन जारी रखा। अंततः कार्यकर्ताओं ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
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