
जबलपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) से साइबर ठगों (Cyber fraudsters) की खौफनाक करतूत सामने आई है। साइबर ठगों ने एक रिटायर स्कूल प्रधानाचार्य और उनके पति को खुद को एटीएस अधिकारी बताकर चार दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ किए रखा। ठगों ने दंपति को आतंकवादियों से संबंध और 70 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर उनकी निजी व बैंक संबंधी जानकारी ले ली और एक ऐप डाउनलोड कराकर उन पर निगरानी रखी।
मंगलवार को महिला को बैंक भेजा गया, तो उसने एक वकील को सूचना दी। इसके बाद एएसपी-क्राइम ब्रांच जितेंद्र सिंह घमपुर इलाके में दंपति के घर पहुंचे और उन्हें डिजिटल गिरफ्तारी से बचाया।
उन्होंने बताया कि छह दिसंबर को एक व्यक्ति ने खुद को एटीएस अधिकारी बताकर दंपति से कहा कि उनके संबंध एक ‘आतंकवादी’ के साथ हैं और उनके बैंक खाते के जरिए 70 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। ठगों ने बुजुर्ग दंपत्ति पर आरोप लगाया कि उन्हें कमीशन के रूप में 70 लाख रुपये मिले हैं।
एएसपी के अनुसार, फोन करने वाले ने दोनों को यह भी बताया कि उनके नाम पर पंजीकृत सिम कार्ड का उपयोग करके देश के बारे में गोपनीय जानकारी विदेश भेजी जा रही है। फोन करने वाले ने दंपति से उनके परिवार के सदस्यों, मोबाइल फोन, आधार कार्ड, बैंक खातों और एफडी के बारे में जानकारी मांगी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद आरोपियों ने उन्हें एक लिंक से भेजे ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा। आरोपियों ने दंपति को 4 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। मंगलवार दोपहर को महिला किसी काम के लिए बैंक गई। घर से निकलने के बाद महिला ने एक वकील को अपनी स्थिति के बारे में सूचित किया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। अभी पता नहीं चल सका है कि दंपति ने डिजिटल अरेस्ट होने के दौरान ठगों को कोई पैसा ट्रांसफर किया था या नहीं।
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