
भोपाल । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सांडों की नसबंदी (sterilization of bulls) के आदेश पर मचे सियासी घमासान के बाद सरकार ने यू टर्न ले लिया है. पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) की ओर से जारी नए आदेश में साफ किया गया है कि सांडों की नसबंदी के अभियान को फिलहाल स्थगित किया जाता है.
आदेश में लिखा गया है कि चार अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक प्रदेश में सांडों के बधियाकरण का अभियान चलाने के आदेश जारी किए गए थे. इसे आगामी आदेश तक स्थगित किया जाता. इससे पहले पशुपालन विभाग को जारी आदेश में प्रदेश में करीब 12 करोड़ रुपए खर्च कर 12 लाख सांडों की नसबंदी के आदेश दिए गए थे. विभाग की ओर से साफ किया गया था कि ये नियमित प्रक्रिया है जिसके तहत सांडों की नसबंदी की जाती है.
बीजेपी सांसद ने उठाए थे सवाल
इस आदेश के साथ ही विवाद भी खड़ा हो गया था. खुद भोपाल से बीजेपी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने आदेश पर सवाल खड़े कर दिए थे. उनका तर्क था कि अगर सांडों का बधियाकरण इसी तरह से कराया जाता रहा तो गौवंश प्रजनन बंद हो जाएगा और गौवंश कम हो जाएगा. गांवों में सांडों की पूजा की जाती है. बधियाकरण को तत्काल रोका जाना चाहिए. हालांकि जब इस बारे में बीजेपी नेताओं से सवाल किए गए तो उन्होंने ऐसे किसी आदेश के बारे में जानकारी होने से ही इनकार कर दिया था.
कांग्रेस में असमंजस
कांग्रेस में इस मुद्दे पर असमंजस की स्थिति देखने को मिली. कांग्रेस के सीनियर विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर की आपत्ति को जायज ठहराया था. वहीं कांग्रेस के दूसरे नेता आदेश के बहाने बीजेपी के गौवंश प्रेम पर सवाल खड़े करते रहे.
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