
भोपाल: 20 हजार करोड़ और इन करोड़ो की लागत से 27 हजार 990 गांवों को मिलना वाला है फायदा. अनुमान लगाया जा रहा कि साल 2027 तक इन हजारों गांवों में मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) की जल जीवन मिशन (Jal Jivan mission) का फायदा मिलेगा. कैसे? दरअसल, एमपी के जल जीवन मिशन के अंतर्गत एकल नल जल योजनाओं के मेंटेनेंस का काम पीएचई के कंधों पर है. इसके लिए खाका तौयार है बस कैबिनेट की मंजूरी की देरी है.
साल 2027 तक मध्य प्रदेश के 27 हजार से भी ज्यादा गांवों में जल जीवन मिशन का लाभ पहुंचाना है. इस योजना से उन गांवों को लाभ होगा जहां छोटे जल स्रोत है और यहां स्थानीय स्तर पर जल की आपूर्ति की जा सकती है. सरकार ने ऐसे गांवो को चिन्हित कर यहां एकल नल जल योजनाएं को स्वीकृत किया है. पीएचई के अधिकारियों पर इसकी पूरी जिम्मेदारी है. इस प्रोजेक्ट की सारी ऑउटलाइन भी तैयार है बस आगामी कैबिनट बैठक के मंजूरी के बाद टेंडर की प्रकिया शिरू की जाएगी.
इस काम में करीब 20 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा. गांवों में सरल और सुगम तरीके से पानी की सप्लाई की जा सके इसके लिए कई महीनों से चर्चा की जा रही थी. आखिर में सीएम द्वारा इस मुद्दे पर विस्तार से हुए चर्चे के बाद ये फैसला लिया जा रहा है. अब एकल नल जल योजना के मेंटेंनस का काम-भार पीएचई विभाग संभालेगी. पीएचई विभाग को मेंटेनेंस की जिम्मेदारी मिलने के बाद अधिकारियों की ओर से आगे की तैयारी पुख्ता कर ली गई है. गांव में इमरजेंसी सेवा पर जोर दिया जाएगा है. इमरजेंसी वाहन तैनात किए जाएंगे. गांव में किसी तरह की इमरजेंसी आने पर इन्हें गांव की तरफ मूव किया जाएगा.
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