
सीहोर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर जिले (Sehore District) के एक स्कूल (School) में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां, एक अतिथि शिक्षक (Guest Teacher) को स्कूल में नमाज पढ़ने के कारण नौकरी (Job) से कार्यमुक्त कर दिया गया। हालांकि, स्कूल में ही नमाज पढ़ने की जिद पर अड़े अतिथि शिक्षक ने नौकरी छोड़ने के लिए आवेदन दिया था।
जानकारी के अनुसार, मामला सीहोर के जिले भेरूंदा के शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल चींच का है। स्कूल में पदस्थ वर्ग 01 के अतिथि शिक्षक जाकिर खान पिछले करीब पांच साल से स्कूली बच्चों को पढ़ाने का काम करते थे। पिछले दो महीने से जाकिर खान स्कूल में पढ़ाई के दौरान नजाम पढ़ रहे थे। पता चलने पर स्कूल प्रबंधन ने अतिथि शिक्षक जाकिर खान को ऐसा करने के लिए मना किया। उन्हें समझाइश दी गई कि स्कूल में नमाज पढ़ने को लेकर कोई नियम नहीं है।
स्कूल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि अगर, नमाज पढ़ी है तो मस्जिद में जा सकते हैं। लेकिन, अतिथि शिक्षक जाकिर खान को यह बात पसंद नहीं आई। वह अपनी बात पर अड़े रहे। उनका कहना था- मैं स्कूल में ही नमाज अदा करूंगा। यह बात ग्रामीणों तक भी पहुंची, इसके बाद ग्रामीणों, सरपंच, शिक्षक जाकिर खान की पत्नी और प्राचार्य समेत अन्य शिक्षकों व विभागीय अधिकारियों ने भी उन्हें समझाने का प्रयास किया। सभी की ओर से कहा गया कि नमाज को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग में कोई नियम नहीं हैं।
स्कूल में में ऐसा नहीं किया जा सकता, बच्चों को पढ़ाकर इबादत की जा सकती है। लेकिन, अपनी जिद पर अड़े शिक्षक पर इसका भी कोई असर नहीं हुआ। सात फरवरी को शिक्षक जाकिर खान ने स्कूल प्राचार्य के नाम एक आवेदन पत्र देकर शाला से कार्यमुक्त करने की मांग कर दी। शिक्षक जाकिर खान द्वारा नौकरी से कार्यमुक्त करने को लेकर दिए गए आवेदन के बाद स्कूल की एसएमडीसी की एक बैठक हुई। जिसमें प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुखराम मेहरा, प्राचार्य रविंद्र नागरे, सरपंच, पंच समेत प्रबंधन समिति के सदस्यों की मौजूदगी में शिक्षक जाकिर खान को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया।
स्कूल प्राचार्य रविंद्र नागरे ने बताया कि अतिथि शिक्षक जाकिर खान स्कूल समय में नमाज पढ़ते थे, जिसे लेकर उन्हें समझाइश दी गई थी। उनसे कहा गया था- वह मस्जिद में जाकर नमाज कर सकते हैं। लेकिन, वह नहीं माने। उन्होंने स्कूल से कार्यमुक्त होने का आवेदन भी दिया था। जिसके आधार पर एसएमडीसी ने प्रस्ताव पास कर उन्हें अतिथि शिक्षक से पद से हटा दिया गया है।
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