
ग्वालियर। हाई कोर्ट (High Court) की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने श्योपुर नगर पालिका (Sheopur Municipality) से जुड़ा एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने श्योपुर नगर पालिका की अध्यक्ष रेणु गर्ग (Municipal Council President Renu Garg) को अगले आदेश तक अपने पद पर काम करने से रोक दिया है। यह आदेश जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने दिया, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया।
यह निर्णय एक याचिका पर सुनवाई के बाद आया है। बताया गया कि रेणु गर्ग की नगर पालिका अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का गजट नोटिफिकेशन अब तक प्रकाशित नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि गजट प्रकाशन के बिना किसी भी व्यक्ति का अध्यक्ष पद पर कार्य करना कानूनी रूप से वैध नहीं है।
सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि गजट नोटिफिकेशन का प्रकाशन चुनाव प्रक्रिया का अनिवार्य हिस्सा है। इसके बिना कोई भी व्यक्ति वैधानिक रूप से पद पर कार्य नहीं कर सकता। जिसके बाद कोर्ट ने रेणु गर्ग को तत्काल प्रभाव से अध्यक्ष के रूप में कार्य न करने का निर्देश दिया। साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को यह भी स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि बिना गजट प्रकाशन के रेणु गर्ग को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की अनुमति कैसे दी गई।
हाई कोर्ट ने यह आदेश भी दिया कि इस निर्णय की सूचना तत्काल श्योपुर नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीईओ) और अध्यक्ष रेणु गर्ग को दी जाए। न्यायालय ने इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है, जिससे आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।
इस आदेश के बाद श्योपुर नगर पालिका में प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। नगर की राजनीति में यह आदेश चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। विपक्षी दलों ने इसे कानूनी प्रक्रिया की जीत बताया है, जबकि समर्थकों में अस्थिरता और असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। इस निर्णय से नगर पालिका के दैनिक कार्यों पर भी असर पड़ने की पूरी आशंका है।
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