
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाई कोर्ट (High Court) के एक फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर (Petition Filed) की गई है। हाई कोर्ट ने इस साल 4 अप्रैल को अपने आदेश में मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (Higher Judicial Service) नियम, 1994 में किए गए संशोधन (Amendment) को रद्द कर दिया था। यह संशोधन जिला न्यायाधीश (District Judge) की नियुक्तियों से जुड़ा है।
साल 2015 में किया गया यह संशोधन हाई कोर्ट को यह अधिकार देता था कि अगर लगातार दो भर्ती परीक्षाओं में एडवोकेट कोटे (बार कोटा) से योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते हैं, तो जिला अदालतों में कार्यरत जजों से इन पदों को भरा जा सके।
याचिका में कहा गया कि 2011 से 2015 के बीच मध्य प्रदेश में जिला न्यायाधीश (प्रवेश स्तर) के 304 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इनमें से केवल 11 एडवोकेट्स ही चयनित हो सके। यानी 3.61% पद ही भरे गए। इससे बड़ी संख्या में पद खाली रह गए, जिससे कामकाज का बोझ बढ़ा और न्यायिक प्रक्रिया धीमी हो गई। इससे समय पर न्याय देने में कठिनाई आने लगी।
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