
मंदसौर। फसल मुआवजा राशि (crop compensation amount) के वितरण में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। यहां लगभग 100 किसानों को फसल मुआवजे के रूप में दी गई राशि को लौटाने को लेकर नोटिस दिए गए है। नोटिस में 3 दिन के भीतर खाते में आई राशि को तहसीलदार कार्यालय में जमा कराने की बात कही गई है। पैसे जमा नहीं करने पर कुर्की करने की बात भी नोटिस में लिखी गई है। इतना ही नहीं, किसानों के खातों को फ्रीज भी कर दिया गया है। जिससे अब किसान कोई लेन – देन भी नहीं कर पा रहे है। मामले में अधिकारी गोलमोल जवाब देकर पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे है।
मंदमामला सुवासरा तहसील में आने वाले टोकड़ी गांव का है। किसानों से कहा गया है कि, रोग, कीट की वजह से खराब हुई फसल नुकसानी की राशि का आपके खाते में त्रुटिपूर्वक भुगतान हो गया है। उसे तुरंत वापिस किया जाए। इन नोटिस को मिलने के बाद ग्राम टोकड़ी के किसान परेशान हैं।
उनका कहना है कि, पहले ही खराब हुई फसल की उचित मुआवजा राशि नहीं दी गई। और अब जो खातों में राशि आई है। उसे भी वापिस मांगा जा रहा है। ऐसे में हम क्या करें? किसान उनके खाते फ्रीज की वजह से भी परेशान है। उनका कहना है कि जो रुपए थे, वो बैंक खातों में थे। ऐसे में अब रुपए कहां से वापिस जमा करवाएं। कुछ किसान बाजार से ब्याज पर पैसा लेकर दे रहे हैं। ताकि फ्रीज हुए बैंक खाते फिर से शुरू हो सके।
प्रशासनिक त्रुटि में एक व्यक्ति ऐसे भी हैं, जिनका कोई खेत या कृषि भूमि नहीं है। वह महज छोटे व्यापारी हैं। लेकिन उनके खाते में भी 8 हजार 800 रुपए की राशि आ गई है। जिसकी वजह से उनका भी खाता फ्रीज कर दिया गया है। बैंक से उन्हें जानकारी मिली कि, वो तहसीलदार कार्यालय जाए। जहां से उन्हें खाते में राशि की जानकारी मिली तो उन्होंने ट्रेज़री में चालान भरकर रुपए लौटाने की बात कही। उनका कहना है कि, भविष्य में मुझे लाभार्थी नहीं बता दिया जाए। इसलिए मैं नगद राशि न देकर ट्रेज़री में चालान भरकर ही रुपए लौटा रहा हूं।
उधर सुवासरा तहसीलदार रामलाल मुनिया मामले में गोलमोल जवाब देते दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि 16 अक्टूबर को ही यह त्रुटि पकड़ में आई थी। जिसकी वजह से लगभग 25 – 30 किसानों को ही नोटिस दिए गए हैं। नोटिस में कुर्की का सिर्फ जिक्र किया गया है। ताकि किसान जल्द राशि जमा करवा दे। जबकि ऐसा नहीं किया जाएगा। साथ ही वो ऐसे किसी व्यक्ति के खाते में राशि जाने से साफ इनकार कर रहे है । जिसकी खेती या कृषि की भूमि नहीं है। फिर भी उनके खाते में मुआवजा राशि आ गई।
हालांकि बाद में वे इस पूरे मामले को तकनीकी त्रुटि करार दे रहे है। साथ ही यह भी कह रहे है कि, जिन किसानों को ज्यादा राशि जानी थी उन्हें कम चली गई और जिन्हें कम जानी थी उन्हें ज्यादा चली गई। इसलिए जिन किसानों को कम राशि गई है। उनसे राशि वापिस लेकर उन्हें जल्द पूरी राशि का भुगतान किया जाएगा। और जिन्हें अधिक राशि चली गई है। उनसे बाकी की राशि वापिस ली जा रही है।
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