
छतरपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले (Chhatarpur district) में पुखराय नदी (Pukhrai River) पर बना पुल टूट जाने के कारण 12 गावों की गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। कई महिलाएं तैर कर नदी पार करने के बाद अस्पताल पहुंच रही हैं तो कई काफी लंबा रास्ता तय कर। इस वजह से उनके पेट में पल रहे बच्चे गर्भ में ही दम तोड़ दे रहे हैं।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की पुखराय नदी पर बना पुल टूट जाने के कारण पलकोहा, ढोड़न, खरयानी समेत 12 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। इन गांवों के लोग अब या तो नाव के सहारे यात्रा कर रहे हैं या जान जोखिम में डालकर नदी तैरकर पार कर रहे हैं।
इसका सबसे ज्यादा असर उन गर्भवती महिलाओं पर पड़ा है, जिनके लिए समय पर इलाज मिलना अब बेहद मुश्किल हो गया है। पुल न होने के कारण दो महिलाओं के गर्भ में पल रहे नवजातों की मौत हो गई।
पलकोहा गांव के अरविंद आदिवासी ने बताया कि उनकी पत्नी लक्ष्मी आदिवासी पांच माह की गर्भवती थीं। अचानक पेट में दर्द होने पर वह इलाज के लिए निकले, लेकिन टूटा हुआ पुल रास्ता रोक चुका था। मजबूरी में नदी तैरकर पार की गई और मीठा स्वास्थ्य केंद्र से पन्ना अस्पताल पहुंचे। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और गर्भपात हो गया। अरविंद की आंखों में आंसू थे। वह कहते हैं कि अगर पुल होता तो शायद उनका बच्चा आज जिंदा होता।
वहीं, 55 साल की सुमित्रा यादव की बहू के साथ भी ऐसी ही घटना हुई। उनकी बहू को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन नदी उफान पर थी और पुल भी नहीं थी। वैकल्पिक रास्ते से कई घंटे बाद छतरपुर अस्पताल पहुंचे, जहां ऑपरेशन से जुड़वा मृत बच्चों का जन्म हुआ।
गांव की रजनी, उषा और गुमता आदिवासी जैसी कई महिलाएं भी गर्भवती हैं, जो लगातार डर में जी रही हैं। उन्हें न समय पर जांच मिल रही है, न दवाएं और न ही टीकाकरण। गांव तक स्वास्थ्यकर्मी या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी नहीं पहुंच पा रहे।
पवन सेन ग्रामीणों की नदी पार करवाने में मदद कर रहे हैं। वह बताते हैं कि पुखराय नदी पर पहले एक पुराना पुल था, जिसे एलसीसी कंपनी ने तोड़ा। और जो अस्थाई पुल बनाया, वह बारिश में बह गया। उन्होंने इस बात का कोई इंतजाम नहीं किया कि ग्रामीण कैसे पार जाएंगे।
छतरपुर के अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेव ने इस मामले को गंभीर माना है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित कर जल्द ही प्रभावित गांवों में भेजी जाएगी और गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। साथ ही एलसीसी कंपनी को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है कि यह लापरवाही क्यों हुई।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved