
रतलाम। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम (Ratlam) में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau- NCB) ने एक सीक्रेट ड्रग फैक्ट्री (Secret Drug Factory) का पर्दाफाश किया है। एनसीबी ने इस ऑपरेशन में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जिनमें एक बीटेक और दूसरा बी फार्मा ग्रेजुएट है।
सीक्रेट लैब का खुलासा
शनिवार को NCB की टीम ने रतलाम के सेजावता गांव में महू-नीमच रोड पर छिपी एक अवैध ड्रग लैब पर धावा बोला। इस लैब में नशीली दवा अल्प्राजोलम पाउडर के रूप में तैयार की जा रही थी। इस दवा का इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है, जो नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत नियंत्रित है। टीम ने मौके से 13.76 किलो अल्प्राजोलम जब्त किया, जिसकी काला बाजार में कीमत करीब 3.44 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके साथ ही, ड्रग बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और रसायन भी बरामद किए गए।
कौन हैं गिरफ्तार शख्स?
इस ऑपरेशन में NCB ने रूप सिंह चौहान (51 साल, बीटेक) और अभिजीत सिंह चौहान (39 साल, बी फार्मा) को हिरासत में लिया। हैरानी की बात यह है कि रूप सिंह पहले भी तेलंगाना में एक ड्रग मामले में पकड़ा जा चुका है और वर्तमान में जमानत पर बाहर था। दूसरी ओर, अभिजीत सिंह रतलाम में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़ा रहा है और रूप सिंह के साथ फार्मा व आयुर्वेदिक दवाओं के कारोबार में साझेदारी करता था। पढ़े-लिखे इन लोगों का इस काले धंधे में शामिल होना कई सवाल खड़े करता है।
नशे का काला कारोबार
NCB के मुताबिक, अल्प्राजोलम का इस्तेमाल न केवल नशे के लिए किया जाता है, बल्कि इसे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में टॉडी (देसी शराब) में मिलाकर और राजस्थान, मध्य प्रदेश व आसपास के इलाकों में हेरोइन के साथ लेस करके बेचा जाता है। इससे नशे के सौदागरों को मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है।
NCB अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई में जा रही है। एजेंसी सप्लाई चेन, वित्तीय लेन-देन और अंतरराज्यीय कनेक्शनों का पता लगाने में जुटी है। यह ऑपरेशन नशे के इस खतरनाक खेल को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved