
जबलपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर जिला कोर्ट (Jabalpur District Court) में तुलसी पीठाधीश्वर जगद् गुरु रामभद्राचार्य (Tulsi Peethadhishwar Jagad Guru Ramabhadracharya) के शिष्य ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Avimukteshwarananda Saraswati) के खिलाफ एक परिवाद दायर किया है। इसमें अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ बीएनएस और आईटी एक्ट की धारा में केस दर्ज करने की मांग की गई है। जबलपुर जिला कोर्ट ने अविमुक्तेश्वरानंद को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। आरोप लगाया गया है कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रामभद्राचार्य के खिलाफ एक टीवी चैनल पर भ्रामक और मानहानिकारक टिप्पणियां कीं।
जबलपुर जिला कोर्ट ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को मानहानि मामले में तलब किया है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर आरोप है कि 28 अगस्त 2025 को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में रामभद्राचार्य के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गौ हत्यारा बताते हुए राष्ट्रपति के आदेशों पर भी सवाल खड़े किए। इस बयान को परिवादी ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताया है।
मिली जानकारी के अनुसार, परिवाद बीएसएनएल के रिटायर्ड कर्मचारी नेता रामप्रकाश अवस्थी ने की है। वह रामभद्राचार्य के शिष्य हैं। उन्होंने शनिवार जिला कोर्ट में परिवाद दायर कर आरोप लगाया है कि अविमुक्तेश्वरानंद का यह बयान भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
परिवाद में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 256, 399 और 302 सहित IT एक्ट की धारा 66A व 71 के तहत अपराध दर्ज करने की मांग की गई है। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए नोटिस जारी किया और 12 नवंबर को अविमुक्तेश्वरानंद को हाजिर होने को कहा है।
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