
सतना। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले के रामपुर बघेलान थाना क्षेत्र (Rampur Baghelan police station area) के अंतर्गत आने वाले लामी करही गांव में एक ही परिवार के छह सदस्यों के फूड प्वाइजनिंग का शिकार होने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, लामी करही गांव निवासी जितेंद्र द्विवेदी के परिवार में गाय ने हाल ही में बच्चा दिया था। प्रसव के बाद गाय से निकले पहले दिन के दूध, जिसे स्थानीय भाषा में ‘खीस’(तेली) कहा जाता है उसका परिवार ने सेवन किया।
बताया जा रहा है कि इसी दूध के सेवन के बाद सभी की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उल्टी-दस्त की गंभीर शिकायतें शुरू हो गईं। परिवार के सदस्यों को पहले रामपुर बघेलान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार दिया गया। लेकिन हालत में सुधार न होने पर सभी को रीवा के संजय गांधी अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां वे गंभीर स्थिति में उपचाररत हैं। अस्पताल सूत्रों के अनुसार मरीजों की स्थिति लगातार मॉनिटर की जा रही है और चिकित्सक उन्हें स्थिर करने की कोशिश में जुटे हैं।
प्रारंभिक जांच में संदेह है कि गाय के प्रसव के बाद का पहला दूध अत्यधिक गाढ़ा और गर्म होता है, जिसे पर्याप्त उबालकर या ठीक से संसाधित किए बिना सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि कहीं दूध में किसी बाहरी दूषित तत्व की मिलावट तो नहीं हुई। गांव में इस घटना से हड़कंप मचा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि परंपरागत रूप से कई परिवार गाय की ‘खीस’ का सेवन करते हैं, लेकिन इस घटना ने सभी को सतर्क कर दिया है। फिलहाल पूरे गांव में सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि मामले की विस्तृत जांच के बाद ही वास्तविक कारण का पता चलेगा।

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