
श्योपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) के श्योपुर जिले (Sheopur district) में वन भूमि से अतिक्रमण हटाने (Remove Encroachment) पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम (Police and Forest department Team) पर आदिवासियों ने हमला बोल दिया। जेसीबी समेत कई सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ भी की। हमले में चार वनकर्मी घायल हो गए। टीम को जान बचाकर वहां से भागना पड़ा। घटना मोरका गांव की है।
आदिवासियों के हमले में डिप्टी रेंजर गणपत आदिवासी के अलावा तीन वनकर्मी मनोज कुमार आदिवासी, वीतेंद्र सिंह राजपूत और धीरज सक्सेना को चोट लगी है। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। रेंजर पवन कुमार शर्मा की शिकायत पर डुम्मा आदिवासी, गुरुदयाल आदिवासी, पवन और रामविलास के साथ ही 30-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ रघुनाथपुर थाने में केस दर्ज किया गया है।
दरअसल, टर्रा ओछापुरा रोड स्थित वन क्षेत्र में करीब 500 बीघा वनभूमि की जमीन पर अवैध कब्जा था। इसे ही हटाने वन विभाग की टीम पहुंची थी। वहां पहले से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। टीम के पहुंचते ही महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया। विरोध के दौरान ग्रामीणों ने एक झोपड़ी में आग लगा दी। हालांकि वन विभाग का कहना है कि कार्रवाई रुकवाने के लिए ग्रामीणों ने जानबूझकर झोपड़ी में आग लगाई। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि आग प्रशासनिक टीम ने लगाई, जिसमें उनका घरेलू सामान था।
डीएफओ सामान्य वनमंडल श्योपुर केएस रंधा ने कहा कि सामान्य वनमंडल कि जमीन पर अतिक्रमण हटाने गए थे। फारेस्ट और पुलिस की संयुक्त टीम भी मौजूद थी। अतिक्रमणकारी पहले से हमले कि योजना बनाकर बैठे थे। रघुनाथपुर थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है।
एसडीओ इंदर सिंह धाकड़ ने बताया कि पिछले तीन साल से ग्रामीण वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर झोपड़ी बना रहे थे, जिन्हें पिछले साल प्रशासन ने हटवाया था। इसके बावजूद उन्होंने दोबारा झोपड़ी बना ली। इसे लेकर 2 महीने पहले उन्हें नोटिस दिया गया था, लेकिन ग्रामीणों ने जमीन को खाली नहीं किया था।
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