
ग्वालियर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर शहर (Gwalior city) में एक जाने-माने वकील सुरेश अग्रवाल (Advocate Suresh Aggarwal) ने कथित तौर पर रविवार को संदिग्ध परिस्थितियों (Suspicious circumstances) में सुसाइड कर लिया। पुलिस को उनका शव थाना विश्वविद्यालय क्षेत्र के बलवंत नगर स्थित मनोहर एंक्लेव (Manohar Enclave) के फ्लैट में फंदे पर लटका मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, पुलिस को मौके से कुछ जन्मपत्री और भविष्य से जुड़ी सामग्री भी इस फ्लैट से मिली हैं। पुलिस वकील के परिजनों और परिचितों से बात कर उनके बारे जानकारी हासिल कर रही है।
सुरेश के परिजनों ने पुलिस को बताया है कि वह पिछले कुछ दिनों से सुरेश डिप्रेशन में थे, लेकिन उन्होंने इस बारे में किसी से कोई चर्चा नहीं की थी। बताया जा रहा है कि सुरेश अग्रवाल इस फ्लैट में कभी-कभार ही आते थे। उन्होंने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया पुलिस अभी इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि सुरेश अग्रवाल ने ग्वालियर के बहुचर्चित सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा केस में स्वतंत्र याचिकाकर्ता की ओर से उन्होंने पैरवी की थी। साथ ही वह दो साल पहले सेंट पॉल चर्च के फादर थॉमस थन्नॉट के केस से भी जुड़े रहे थे। उनकी याचिका पर फादर के शव को कई महीनों बाद दोबारा कब्र से निकलवा कर फिर पोस्टमॉर्टम कराया गया था। साथ ही उन्होंने आर्य समाज मंदिरों में बिना माता-पिता की अनुमति के होने वाली शादियों को भी कोर्ट में चुनौती दी थी और हाईकोर्ट ने आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादियों की वैधानिकता पर सवाल खड़े कर रोक लगा दी थी।
ग्वालियर के एएसपी अखिलेश रेनवाल ने बताया कि सुरेश अपने घर से निकले थे और दिनभर गायब रहे जब घरवालों ने जब उनकी खोजबीन शुरू की तो देर शाम पता चला कि वह थाटीपुर के फ्लैट मौजूद हैं। घरवाले जब वहां पहुंचे तो वह वहां फांसी के फंदे पर लटके मिले, फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।
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