
शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष (Shivpuri Municipality President) और भाजपा नेता गायत्री शर्मा (Gayatri Sharma) के पुत्र रजत शर्मा के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। एक युवती द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष के पुत्र रजत शर्मा के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले के बाद नगर पालिका अध्यक्ष के पुत्र ने जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया था लेकिन कोर्ट ने अग्रिम जमानत का आवेदन निरस्त कर दिया है।
दुष्कर्म मामले में मंगलवार को नगर पालिका अध्यक्ष के पुत्र की अग्रिम जमानत याचिका जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दी है। नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के पुत्र रजत शर्मा पर एक युवती ने शादी का झांसा देकर सालों तक दैहिक शोषण किए जाने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। उक्त शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित रजत शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद से आरोपित रजत शर्मा फरार है।
दैहिक शोषण के उक्त मामले में पुलिस ने 30 अप्रैल को FIR दर्ज कर ली थी। पुलिस सामान्य रूप से दुष्कर्म अथवा दैहिक शोषण के आरोपित को एफआईआर दर्ज करने के पहले या फिर तत्काल बाद गिरफ्तार कर लेती है, परंतु उक्त मामले में दैहिक शोषण का आरोपित घटना के 13 दिन बाद भी फरार चल रहा है। ऐसे में आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
आरोपी रजत शर्मा द्वारा 7 मई 2025 को अपने अधिवक्ता विजय तिवारी के माध्यम से न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी। इस पर 9 मई को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पीड़िता स्वयं न्यायालय में उपस्थित हुई और न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत आवेदन में आरोप लगाया कि आरोपी रजत शर्मा और उसके परिजनों से उसे और उसके स्वजनों को जान का खतरा है। वहीं, अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता धीरज जामदार ने न्यायालय में तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि मामले की विवेचना अभी अपूर्ण है और आरोपी का चिकित्सीय परीक्षण (मेडिकल टेस्ट) भी अभी नहीं हुआ है। ऐसे में अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करना न्यायोचित नहीं होगा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी रजत शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
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