
शिक्षक भेदभाव व विभागीय मनमानी का आरोप लगा रहे
इंदौर। शिक्षकों (Teachers) के तबादला (Transfer) के लिए आवेदन (applications) की कल अंतिम तारीख रखी गई है। इस प्रक्रिया में शुरू से ही शिक्षक भेदभाव व विभागीय मनमानी का आरोप लगा रहे हैं। न्यायालय (Court) का भी शिक्षकों ने सहारा लिया है। अब विभाग (department) की ओर से आवेदन को डिलीट करने के निर्देश भी मिले हैं।
विभाग में तबादला नीति की जमकर चर्चा हो रही है। पहले तो शिक्षकों की कमी से जूझ रहा विभाग और फिर विभागीय अधिकारी- कर्मचारियों की मनमानी और तानाशाही का आरोप शिक्षक लगा रहे हैं। पहले संचालनालय ने तबादलों के ऑनलाइन आवेदन पोर्टल पर मंगवाए थे। शिक्षकों को इस बात की आशंका शुरू से ही थी कि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया का पारदर्शिता के साथ पालन नहीं हो रहा। इसके लिए शिक्षकों ने न्यायालय में गुहार लगाई थी, जिस पर संचालनालय को जवाब भी देना है। अब संचालनालय की ओर से एक नया फरमान शिक्षकों के लिए आया है कि जिन शिक्षकों के तबादला आवेदन में त्रुटियां हैं या फिर वह कुछ सुधार करना चाहते हैं तो वह अपना आवेदन डिलीट कर दें। यानी पहले तबादलों के नाम पर आवेदन बुलवाए और अब न्यायालय में जवाब देने के लिए नया रास्ता बनाते हुए शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों को डिलीट कराया जा रहा है। कुल मिलाकर शिक्षक असमंजस की स्थिति में भी नजर आ रहे हैं, वहीं शिक्षा विभाग में ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले शिक्षकों की कमी दूर होती नजर नहीं आ रही।
विभाग का गणित शिक्षकों की समझ से बाहर
तबादलों को लेकर शिक्षा विभाग में ग्रीष्मकालीन अवकाश से ही अलग-अलग चर्चाएं भी शुरू हो गई थीं। अब 10 दिन बाद शिक्षकों का अवकाश खत्म हो रहा है, लेकिन तबादला नीति को लेकर अब स्पष्टता कम होती जा रही है। विभाग का गणित शिक्षकों की समझ से बाहर हो रहा है। कुल मिलकर विभागीय नेताओं और बगैर लेनदेन अब तबादले मुश्किल नजर आ रहे हैं।