
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भाजपा सरकार (BJP government) के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने बुधवार को कल्याणकारी योजनाओं (Welfare schemes) से अधिक पात्र लोगों को जोड़ने के लिए अभियान की शुरुआत की। साथ ही अपने प्रशासन के विकास कार्यों को शुरू करने के कार्यक्रम की भी शुरुआत की। आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि कुल दो कार्यक्रम शुरू किए गए।
‘जनकल्याण पर्व’ और ‘मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान’ नाम के दोनों कार्यक्रम 11 दिसंबर से 26 जनवरी के दौरान अलग-अलग तिथियों पर चलाए जाएंगे। इस मौके पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि आज अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती (International Geeta Jayanti) के अवसर पर जनकल्याण पर्व और मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान की शुरुआत हो गई है।
सीएम मोहन यादव ने बताया कि 11 से 26 दिसंबर तक चलने वाले जनकल्याण पर्व के दौरान कई विकास कार्यों की आधारशिला रखी जाएगी और कई पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। वहीं ‘मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान’ के तहत कल्याणकारी योजनाओं के लिए पात्र लोगों को जोड़ा जाएगा।
सीएम मोहन यादव ने बताया कि 11 दिसंबर से 26 जनवरी तक चलाए जाने वाले ‘मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान’ के दौरान विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के पात्र गरीब परिवारों, युवाओं, किसानों और महिलाओं की पहचान सर्वेक्षण के जरिए की जाएगी। यही नहीं पत्र लोगों को इन योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
सीएम मोहन यादव राजधानी भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। समारोह में मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों के बैंक खातों में लाड़ली बहना योजना के 1,572 करोड़ रुपये और रसोई गैस भरवाने के लिए 350 करोड़ रुपये अंतरित किए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के 55 लाख लाभार्थियों के बैंक खातों में 334.38 करोड़ रुपये अंतरित किए। यही नहीं इस मौके पर सीएम यादव ने श्रीमद्भगवद्गीता के सबसे बड़े सामूहिक पाठ का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले 3,721 आचार्यों (धार्मिक शिक्षकों) और बटुकों (वैदिक छात्रों) को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भगवद्गीता गूगल पर सबसे अधिक खोजा जाने वाला ग्रंथ है। यह ऑनलाइन यूजर्स के बीच सबसे अधिक जिज्ञासा पैदा करता है। राज्य के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र भावसिंह लोधी ने लोगों को सलाह दी कि वे अपने घरों के साथ-साथ कार्यस्थलों पर भी गीता रखें और नियमित रूप से इसका पाठ करके जीवन की सीख प्राप्त करें।
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