
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister Uma Bharti) ने उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र (Ujjain Simhastha area) में जमीन अधिग्रहण से संबंधित नीति को निरस्त करने के राज्य सरकार के फैसले की मंगलवार को जमकर सराहना की और कहा कि यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ‘लोक राज’ को महत्व देते हैं। उन्होंने यह बात राजधानी भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय में जमीन अधिग्रहण से संबंधित नीति को निरस्त करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कही। पत्रकारों के पूछे सवाल का जवाब में उन्होंने कहा, ‘अच्छा है ना, यह फैसला वापस ले लिया। यह तानाशाह की सरकार थोड़े ही है।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार लोकतंत्र से बनती है और लोकमत से चलती है। मोहन जी ने लोक लाज रखा है। उन्होंने लोकराज की मर्यादा रखी है। इस निर्णय से उन्होंने साबित कर दिया है कि वह लोकराज को कितना महत्व देते हैं।’
इससे पहले किसानों के भारी विरोध के बाद राज्य सरकार ने सोमवार को उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण से संबंधित कानून को निरस्त करने का फैसला किया था। इस बारे में सरकार की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने आधिकारिक आवास पर भारतीय किसान संघ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), उज्जैन के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन तथा अन्य प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा के बाद ‘सिंहस्थ लैंड पूलिंग’ को निरस्त करने का निर्णय लिया। साथ ही नगरीय प्रशासन विकास विभाग और जिला प्रशासन को इस संबंध में आदेश जारी करने के निर्देश दिए।
इस फैसले के बाद सीएम यादव ने कहा कि यह निर्णय किसानों के सम्मान में लिया गया है और आने वाले समय में पूरा विश्व सिंहस्थ का वैभव देखेगा। किसानों का आरोप था कि सरकार सिंहस्थ क्षेत्र में स्थायी और व्यावसायिक निर्माण के नाम पर ‘लैंड पुलिंग नीति’ लागू कर किसानों की जमीनें छीन रही है।
उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि निर्धारित समय में सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो 18 नवंबर से हजारों किसान उज्जैन में डेरा डाल देंगे और यह तब तक जारी रहेगा जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता। किसानों की इस चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री आवास में बुलाई गई इस बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी उपस्थित रहे। इस निर्णय के बाद किसान संघ ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
बता दें कि हर 12 साल में उज्जैन में आयोजित होने वाले कुंभ मेले को सिंहस्थ कहा जाता है और इसमें भारत के सभी हिस्सों तथा विदेशों से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। उज्जैन में इस बार सिंहस्थ 2028 में है और इसके मद्देनजर सरकार किसानों की जमीन अधिग्रहित कर स्थाई निर्माण के लिए ‘लैंड पुलिंग’ नीति लेकर आई थी जबकि पूर्व में किसानों से सिंहस्थ के लिए पांच से छह महीनों के लिए जमीन ली जाती थी। तब से ही राज्य के किसान संगठन राज्य की इस नीति का जोरदार विरोध कर रहे थे।
माता बेटी बाई सोशल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा विराट गौ संवर्धन सभा में किसानों एवं गौ भक्तों के द्वारा पारित प्रस्तावों का ज्ञापन मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी को सौंपा, साथ में कार्यक्रम के संयोजक श्री अशोक त्रिपाठी जी भी शामिल रहे।
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