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MP: ग्वालियर में प्रदर्शन के दौरान भिड़े सवर्ण समाज व भीम आर्मी.. जानें क्या है मामला?

December 27, 2025

ग्वालियर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में शुक्रवार को सवर्ण समाज (Upper caste society) और भीम आर्मी (Bhim Army) के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। मामला हाल ही में शिवपुरी में आयोजित भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी (Bhim Army and Azad Samaj Party) की सभा से जुड़ा है, जहां पर मंच से मनुस्मृति को जलाया गया था। जिसके बाद उस घटना के विरोध में आज ग्वालियर के आकाशवाणी चौराहे पर सवर्ण समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व एडवोकेट अनिल मिश्रा के समर्थकों ने किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बाबा साहब अंबेडकर का पुतला जलाने की कोशिश की। जिसे देखकर मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए, और उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप किया। इस दौरान पुलिस ने हालात बिगड़ने से पहले स्थिति को संभाल लिया और पुतला जलाने की कोशिश कर रहे एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया।


पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात किया
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। आकाशवाणी चौराहे पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति से पूछताछ जारी है और पूरे मामले की जांच की जा रही है।

भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने दी खुली चुनौती
वहीं दूसरी ओर भीम आर्मी के कुछ कार्यकर्ताओं ने इस हरकत का तीखा विरोध किया। भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने एडवोकेट अनिल मिश्रा पर निशाना साधते हुए आपत्तिजनक बयान दिए और उन्हें दो कौड़ी का वकील तक कह डाला। यही नहीं भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने करणी सेना को भी खुली चुनौती दी। उनका कहना है कि अगर करणी सेना सामने आती है तो वे आमने-सामने की लड़ाई के लिए तैयार हैं।

कलेक्टर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया
उधर जिला कलेक्टर रुचिका सिंह ने धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश कर दिया है और किसी भी धर्म, संप्रदाय, जाति, समूह आदि की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणियों पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इस दौरान ग्वालियर जिले की सीमा में सार्वजनिक स्थल पर धरना, प्रदर्शन, रैली, जुलूस, चल समारोह इत्यादि का आयोजन भी नहीं किया जा सकेगा। साथ ही किसी भी धर्म, संप्रदाय, जाति अथवा समूह आदि की भावनाओं को आहत करने वाले ऐसे कृत्यों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जो कानून व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं।

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