
भोपाल। बीएसएल ग्लोबल आउटरीच समिट-2025 (BSL Global Outreach Summit) के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को टेक्सटाइल हब (Textile Hub) के रूप में विकसित करने के विजन को सबके सामने रखा। गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस समिट में सीएम डॉ. यादव ने देश-विदेश के उद्योगपतियों से वन-टू-वन संवाद किया और उन्हें प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार उद्यमियों की हर जरूरत पूरी करने को तैयार है और ‘मेक इन एमपी’ के सपने को साकार करने के लिए पूरी ताकत से जुटी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने कहा कि आज का आयोजन इस बात का संकेत है कि विश्व में प्रधानमंत्री मोदी का समय चल रहा है। देश सिर्फ योजनाओं से नहीं, बल्कि मजबूत संकल्पों से बदलता है। डॉ. यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश में कपास का वार्षिक उत्पादन करीब 18 लाख गांठ है और प्रदेश जैविक कपास उत्पादन में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि हम ‘खेत से कपड़े तक’ की पूरी वैल्यू चेन में साझेदारी के लिए तैयार हैं। हमारे यहां जीओटीएस प्रमाणित कृषक समूह काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई उद्योग रोजगारपरक इकाई स्थापित करता है, तो सरकार महिलाओं को रोजगार देने पर प्रति महिला वर्कर 6,000 रुपये तक की सहायता दस वर्षों तक देगी। उन्होंने कहा कि सभी प्रोत्साहन योजनाएं सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है। डॉ. यादव ने बताया कि पहले उद्योग स्थापित करने के लिए 29 तरह की अनुमतियों की आवश्यकता होती थी, जिन्हें घटाकर अब सिर्फ 10 कर दिया गया है। इसके अलावा, बिजली-पानी में सब्सिडी, 30 दिन के भीतर कारोबार शुरू करने की गारंटी और सिंगल विंडो सिस्टम के तहत ऑनलाइन मंजूरी जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ‘मध्य प्रदेश-आपकी ग्लोबल फैक्टरी’ की सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मित्र पार्क के माध्यम से हमारे पास बड़े पैमाने पर उत्पादन की क्षमता है। हम केवल कारखाने नहीं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल कारखाने स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ईएसजी मूल्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और जल संरक्षण, श्रम मानकों में सुधार, जैविक उत्पादन और स्वच्छ ऊर्जा जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दे रही है।
कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि, हमने उत्पादन से लेकर रेडीमेड वस्त्रों के खरीदारों और विक्रेताओं को एक ही मंच पर लाने का काम किया है। इससे न केवल निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 42 पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया है, जो व्यापार में बाधा बन रहे थे। अब उद्योगों के लिए मध्य प्रदेश न सिर्फ अनुकूल वातावरण दे रहा है, बल्कि उद्योगपतियों की हर अपेक्षा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम में देश और विदेश के प्रमुख टेक्सटाइल-गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों और निवेशकों ने भाग लिया।वॉलमार्ट जैसे वैश्विक ब्रांड्स की मौजूदगी ने आयोजन को और अधिक प्रभावशाली बना दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिट के माध्यम से भारत और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के बीच एक नया सेतु बना है और मध्यप्रदेश इस नए युग में टेक्सटाइल सेक्टर का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
इस समिट में 163 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों एवं 1000 भारतीय प्रतिनिधियों ने फैशन, टेक्सटाइल, मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से जुड़ी चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी निभाई। समिट के दौरान आयोजित BSL एक्सीलेंस अवॉर्ड्स में देश के अग्रणी ब्रांड्स और उद्यमों को उनके उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया गया। इसके साथ ही सस्टेनेबिलिटी व डिजिटल इनोवेशन अवॉर्ड्स के अंतर्गत टेक्सटाइल आपूर्ति श्रृंखला में उल्लेखनीय नवाचार करने वाली कंपनियों को भी पुरस्कृत किया गया। मध्यप्रदेश ने BSL ग्लोबल आउटरीच समिट 2025 में अपने मजबूत औद्योगिक आधार, कम लागत वाली संरचना और दीर्घकालिक साझेदारी की प्रतिबद्धता के साथ वैश्विक टेक्सटाइल निवेश के लिए खुद को एक विश्वसनीय और स्केलेबल गंतव्य के रूप में स्थापित किया।
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