
नई दिल्ली । मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा (Tahavvur Hussain Rana) ने अपने परिवार (Family) से बात करने की इजाजत मांगी है। इसके लिए उसने मंगलवार को नई दिल्ली की एक अदालत (court) में याचिका दायर की। राणा के वकील के माध्यम से दायर आवेदन पर बुधवार को विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह के समक्ष सुनवाई होने की संभावना है। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी राणा फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया है।
सीनियर वकील दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की ओर से पेश हुए। कार्यवाही शुरू होने से पहले अदालत ने राणा से पूछा कि क्या उसके पास कोई वकील है। राणा ने बताया कि उसके पास कोई वकील नहीं है। इस पर अदालत ने बताया कि दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उसे वकील मुहैया कराया जा रहा है। इसके बाद वकील पीयूष सचदेवा को उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया।
हाफिज सईद, साजिद मीर को भी सौंपने की मांग
दूसरी ओर, इजरायल में भारत के राजदूत जेपी सिंह ने कहा है कि जैसे अमेरिका ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से तहव्वुर हुसैन राणा को भारत को सौंपा था, उसी तरह पाकिस्तान को प्रमुख आतंकवादियों हाफिज सईद, साजिद मीर और जकीउर रहमान लखवी को भारत को सौंप देना चाहिए। सिंह ने आतंकवाद को वैश्विक खतरा बताते हुए इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने का भी आह्वान किया। इजराइली टीवी चैनल आई24 को सोमवार को दिए गए साक्षात्कार में सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत का ऑपरेशन सिंदूर रोका गया है, यह खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने इस संबंध में घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी कि भारत को कार्रवाई क्यों करनी पड़ी और कहा कि यह अभियान पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठनों के खिलाफ था।
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