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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में पुलिस ने 26 आरोपियों पर लगाया मकोका, मुख्य साजिशकर्ता अभी भी फरार

December 01, 2024

मुंबई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui) की हत्या के मामले में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने बड़ा ऐक्शन लिया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की धाराएं लगाई हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अपराध शाखा ने अब तक इस मामले में कथित मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम सहित 26 लोगों को गिरफ्तार किया है।

मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बिना विस्तृत जानकारी दिए बताया कि बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में मकोका की धाराएं लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मकोका के तहत पुलिस के समक्ष दिए गए इकबालिया बयान अदालत में सबूत के तौर पर स्वीकार्य हैं। मकोका के तहत जमानत मिलना भी मुश्किल है।


महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री 66 वर्षीय सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा ईस्ट में उनके बेटे व विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। संदिग्ध मुख्य साजिशकर्ता शुभम लोनकर और जीशान मोहम्मद अख्तर अब भी फरार हैं।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में 22 नवंबर को अकोला जिले से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में अब तक 26 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अधिकारी ने बताया कि जांच के संबंध में नागपुर गई अपराध शाखा की टीम ने अकोला के अकोट तहसील के पनाज निवासी सुमित दिनकर वाघ (26) को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि मामले में यह 26वीं गिरफ्तारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘वाघ ने गिरफ्तार आरोपी गुरमेल सिंह के भाई नरेशकुमार, साथ ही गिरफ्तार आरोपी रूपेश मोहोल और हरीशकुमार को गुजरात के आणंद जिला स्थित कर्नाटक बैंक की पेटलाद शाखा के एक खाते से पैसे स्थानांतरित किए थे। उसने गिरफ्तार आरोपी सलमान वोरा के नाम से खरीदे गए सिम का इस्तेमाल करके ऑनलाइन पैसे स्थानांतरित किए।’’

अधिकारी ने बताया, ‘‘यह पैसा वांछित आरोपी शुभम लोनकर के निर्देश पर स्थानांतरित किया गया था। लोनकर भी वाघ की ही तहसील का निवासी है और दोनों करीबी दोस्त हैं। वे अकोट में कॉलेज के साथी थे। आणंद के पेटलाद निवासी सलमान वोरा को हाल में अकोला के बालापुर से पकड़ा गया।’’

महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA)
महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, जिसे MCOCA कहा जाता है, यह 1999 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा लागू किया गया एक विशेष कानून है। इसका मुख्य उद्देश्य संगठित अपराधों पर काबू पाना और माफिया गिरोहों की गतिविधियों को रोकना है। यह कानून विशेष रूप से संगठित अपराधों में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए बनाया गया है।

MCOCA के तहत संगठित अपराध को उन अपराधों के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी गिरोह द्वारा आर्थिक लाभ, प्रभाव, या अन्य अवैध उद्देश्यों के लिए योजनाबद्ध तरीके से किए जाते हैं। MCOCA के तहत आरोपियों को जमानत मिलना बहुत कठिन होता है। इसके अलावा, आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए 180 दिनों तक की अवधि दी जाती है, जो सामान्य कानूनों की तुलना में अधिक है। MCOCA के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों की व्यवस्था की गई है। ये अदालतें तेज गति से मामलों का निपटारा करती हैं। गवाहों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान हैं ताकि वे बिना डर के अपने बयान दे सकें। MCOCA के तहत पुलिस को टेलीफोन और अन्य संचार साधनों को इंटरसेप्ट करने का अधिकार है, जिससे संगठित अपराधों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके।

MCOCA का उपयोग:
माफिया गिरोहों, जबरन वसूली, अपहरण, हत्या, ड्रग तस्करी और अन्य संगठित अपराधों के मामलों में किया जाता है।

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