
मुंबई। मुंबई (Mumbai) के महान स्पिनर पद्माकर शिवलकर (Great spinner Padmakar Shivalkar) का उम्र संबंधी समस्याओं के कारण सोमवार को यहां निधन हो गया। वह 84 वर्ष (84 years) के थे। भारत (India) के लिए कभी नहीं खेले पाने वाले सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों (Best spinners) में शामिल शिवालकर ने 1961-62 से 1987-88 के बीच कुल 124 प्रथम श्रेणी मैचों में हिस्सा लिया और 19.69 की औसत से 589 विकेट लिए। इसके अलावा लिस्ट ए क्रिकेट में उनको 16 विकेट मिले। इस तरह 600 से ज्यादा विकेट चटकाने के बावजूद उनको भारतीय टीम (Indian team) में मौका नहीं मिल सका। इस पर सुनील गावस्कर ने कहा है कि कुछ अन्य खिलाड़ियों से ज्यादा शिवालकर भारत के लिए खेलने के अधिकारी थे।
बाएं हाथ के स्पिनर ने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और 48 साल की उम्र तक खेलना जारी रखा। उन्होंने भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता में 589 विकेट लिए, जिसमें 13 बार मैच में 10 विकेट लेना शामिल हैं। शिवालकर ने 12 लिस्ट ए मैचों 16 विकेट लिए है। उन्हें भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा 2017 में सीके नायडू ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने कहा, ‘‘मुंबई क्रिकेट ने आज एक सच्चे दिग्गज को खो दिया है। पद्माकर शिवालकर सर का खेल में योगदान, खासकर अब तक के सबसे बेहतरीन स्पिनरों में से एक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।’’
वहीं, महान सुनील गावस्कर ने सोमवार को मुंबई और घरेलू क्रिकेट के दिग्गज पद्माकर शिवालकर को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ‘कुछ अन्य की तुलना में भारतीय टीम में खेलने के अधिक हकदार थे’। शिवालकर देश के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक थे, जिन्हें कभी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। गावस्कर ने शिवालकर के निधन पर एक भावुक संदेश लिखा और कहा, ‘‘यह वाकई बहुत दुखद खबर है। कुछ ही समय में मुंबई क्रिकेट ने अपने दो दिग्गज खिलाड़ियों मिलिंद और पद्माकर को खो दिया है। यह दोनों कई जीत के सूत्रधार थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय कप्तान के तौर पर मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को ‘पैडी’ को टेस्ट टीम में शामिल करने के लिए राजी नहीं कर पाया। वह कुछ अन्य गेंदबाजों की तुलना में भारतीय टीम में शामिल होने के अधिक हकदार थे। आप इसे किस्मत कह सकते हैं। वह ऐसे गेंदबाज थे जो प्रतिद्वंद्वी टीम के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को आउट कर मुंबई के लिए जीत सुनिश्चित करते थे। वह अपने किफायती रन अप और खूबसूरत एक्शन के साथ पूरे दिन गेंदबाजी कर सकते थे। ‘पैडी’ एक अनोखे व्यक्ति थे और उनके निधन से मैं बहुत दुखी हूं। ओम शांति।’’
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved