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गाजा जाएंगे मुनीर के लड़ाके, US के हाथों बिकी पाकिस्तान की सेना?

December 20, 2025

डेस्क: पाकिस्तान (Pakistan) इस समय अमेरिका (America) से दोस्ती और अपनी वैश्विक छवि को मजबूत करने में जुटा हुआ है. इस बीच अमेरिका लगातार पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है कि वो गाजा (Gaza) में शांति बल भेजे. ट्रंप की गाजा के लिए 20-पॉइंट योजना में मुसलमान बहुल देशों की सेनाओं को गाजा में भेजने का सुझाव दिया गया है. इन सैनिकों का काम गाजा में कुछ समय के लिए शांति बनाए रखना, वहां का पुनर्निर्माण करना और आर्थिक सुधार में मदद करना होगा.

जहां अमेरिका लगातार आसिम मुनीर पर दबाव डाल रहा है. वहीं, अब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने साफ किया है कि पाकिस्तान ने गाजा में शांति स्थापना के प्रयासों में शामिल होने की इच्छा जताई है, लेकिन अभी तक कोई फाइनल फैसला नहीं हुआ है. साथ ही रुबियो ने कहा कि अमेरिका पहले सभी पक्षों को इसको लेकर जरूरी जानकारी देगा, उसके बाद ही किसी देश से ठोस प्रतिबद्धता मांगी जाएगी.

अमेरिका के विदेश सचिव मार्को रुबियो ने शुक्रवार को पुष्टि की कि हम पाकिस्तान के इस प्रस्ताव के लिए बहुत आभारी हैं कि वो इसमें हिस्सा बनने पर विचार करें, या कम से कम इस पर विचार करने की पेशकश करें. मुझे लगता है कि हमें किसी से ठोस प्रतिबद्धता मांगने से पहले उन्हें कुछ और जवाब देना चाहिए.

रुबियो की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब लगातार सामने आ रहा है कि वॉशिंगटन पाकिस्तान पर सैनिक भेजने का दबाव बना रहा है. इस हफ्ते की शुरुआत में आई रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर अपनी बढ़ी हुई ताकत की पहली बड़ी परीक्षा का सामना कर रहे हैं, क्योंकि अमेरिका लगातार पाकिस्तान पर सैनिक भेजने का दबाव बना रहा है. वहीं, दूसरी तरफ अगर पाकिस्तान सैनिक गाजा में भेजता है तो उसके अपने ही नागरिक उसके खिलाफ हो सकते हैं.


पाकिस्तान की ओर से भी साफ किया गया है कि फिलहाल गाजा के लिए प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल में सैनिक भेजने पर कोई फाइनल निर्णय नहीं हुआ है. विदेश मंत्री इशाक डार ने पिछले महीने कहा था कि पाकिस्तान शांति मिशन में भूमिका निभाने पर विचार कर सकता है, लेकिन हमास को हथियार छोड़ने के लिए मजबूर करना हमारा काम नहीं है. डॉन के मुताबिक, गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने कहा, ISF में पाकिस्तान की भागीदारी को लेकर फिलहाल बल में शामिल होने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

इसी बीच यह भी सामने आया है कि आसिम मुनीर आने वाले हफ्तों में वाशिंगटन जा सकते हैं. इन सब चीजों के बीच उनकी यात्रा अहम मानी जा रही है. जहां उनकी डोनाल्ड ट्रंप से संभावित मुलाकात हो सकती है. यह पिछले 6 महीनों में ट्रंप के साथ उनकी तीसरी मुलाकात होगी और बातचीत में गाजा स्थिरीकरण योजना शामिल होने की उम्मीद है.

रक्षा विश्लेषक और लेखिका आयशा सिद्दीका ने कहा, पाकिस्तान दुनिया का एकमात्र मुस्लिम-बहुल देश है जिसके पास परमाणु हथियार हैं. साथ ही उसकी सेना शक्तिशाली और अनुभवी मानी जाती है. इसी सैन्य क्षमता की वजह से पाकिस्तान से योगदान की उम्मीद ज्यादा की जा रही है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य ताकत का मतलब है कि मुनीर पर अपनी क्षमता दिखाने का दबाव ज्यादा है.

सैन्य बयानों के अनुसार, हाल के हफ्तों में मुनीर ने इंडोनेशिया, मलेशिया, सऊदी अरब, तुर्की, जॉर्डन, मिस्र और कतर के नेताओं से मुलाकात की है. आयशा सिद्दीका ने कहा कि ये बैठकें प्रस्तावित गाजा बल को लेकर मुस्लिम देशों से सलाह-मशविरा करने के मकसद से होती दिखती हैं. हालांकि, देश के अंदर सबसे बड़ा खतरा राजनीतिक अशांति का है. अमेरिका समर्थित योजना के तहत अगर पाकिस्तानी सैनिकों को गाजा भेजा जाता है, तो इससे उन इस्लामवादी दलों के विरोध प्रदर्शन फिर भड़क सकते हैं, जो अमेरिका और इजराइल के कड़े विरोधी हैं.

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