
मुंबई । महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) नीत महायुति गठबंधन (Mahayuti Alliance) को विधान परिषद (Legislative Council) की सभी 5 खाली सीटों पर जीत मिलने की पूरी संभावना है, जिसके लिए उपचुनाव (By-elections) कार्यक्रम सोमवार को घोषित किया गया। निर्वाचन आयोग के अनुसार, उपचुनाव 27 मार्च को होने हैं। नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में पांच एमएलसी (विधान परिषद के सदस्य) की जीत के कारण चुनाव की जरूरत पड़ी है। विधानसभा चुनाव जीतने वाले एमएलसी में से 3 भाजपा से, शिवसेना और राकांपा के एक-एक सदस्य थे। तीनों ही पार्टियां सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का हिस्सा हैं। एमएलसी के उपचुनाव 288 सदस्यीय विधानसभा में विधायक कोटे से होने हैं।
भारतीय जनता पार्टी के 132 विधायक हैं। शिवसेना के 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 41 विधायक हैं, जिससे वे सभी पांच सीटों पर आसानी से जीत हासिल कर सकते हैं। उपचुनावों के लिए अधिसूचना 10 मार्च को जारी की जाएगी और उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 मार्च है। नामांकन पत्रों की जांच की अंतिम तिथि 18 मार्च है, जबकि उम्मीदवार 20 मार्च को चुनाव से अपना नाम वापस ले सकते हैं। अगर आवश्यक हुआ तो 27 मार्च को मतदान होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता को लेकर बहस
दूसरी ओर, महा विकास आघाडी (MVA) के सहयोगियों ने अभी तक महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पद पर औपचारिक रूप से दावा पेश नहीं किया है। मगर, एक प्रमुख घटक ने सोमवार को मांग की कि कैबिनेट स्तर का यह पद गठबंधन के सभी तीन दलों को बारी-बारी से मिलना चाहिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने मांग की कि विपक्ष के नेता का पद एमवीए के सभी घटक- उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) को 18-18 महीने के लिए बारी-बारी से मिले। उन्होंने कहा, ‘हम कह रहे हैं कि नेता प्रतिपक्ष का पद तीन पार्टियों को 18 महीने के लिए बारी-बारी से मिलना चाहिए ताकि हर पार्टी को राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले। हमें एक मजबूत विपक्ष के रूप में एक साथ रहना होगा। यह एनसीपी-एसपी का रुख है।’
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