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पासपोर्ट स्कैंडल में सरकारी अफसरों के भी नाम, एटीएस जुटा रही सबूत

August 02, 2025

  • सोहबत के पास से बरामद दस्तावेजों ने खोले कई राज, गिरोह का मास्टमाइंट अभी एटीएस के शिकंजे से बाहर, कई इलाकों में निगरानी कर रही खुफिया टीमें

जबलपुर। एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड द्वारा फर्जी पासपोर्ट मामले की जांच उन सरकारी अफसरों तक पहुंच गयी है,जो दस्तावेजों के हेरफेर में इस गिरोह का साथ दे रहे थे। एटीएस के सामने आरोपियों ने कई खुलासे किए हैं। अब एटीएस सबूत इक_े करने में जुट गयी है ताकि शक की कोई गुंजाइश न रहे। अब तक इस मामले में सोहबत ही मास्टरमाइंड नजर आ रहा है,लेकिन एटीएस सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा एक लंबी चैन है,जो पूरे देश में यही काम कर रही है।

पहले अपना बनवाया फिर बनवाने लगा
सोहबत ने पहले अपना फर्जी पासपोर्ट बनवाया और फिर इसका धंधा शुरु कर दिया। उसने करीब 20 से ज्यादा पासपोर्ट जबलपुर के पते से बनवाने का प्रयास शुरू किया था। इनमें से पश्चिम बंगाल के अकबर और इकबाल के पासपोर्ट तो बन भी गए हैं। ये दस्तावेज कैसे बनवाए जाते थे और कौन इनमें सहयोग करता था,ये इस मामले की सबसे अहम कड़ी है। एटीएस ने सोहबत खान के सहयोगी विजय नगर निवासी दिनेश गर्ग पिता श्रवण गर्ग व कटंगा रोड निवासी महेन्द्र सुखदान पिता माधव प्रसाद और चंदन ठाकुर को हिरासत में लिया है। सोहबत जबलपुर में 10 साल से छिपकर रह रहा था। एटीएस की टीम एक सप्ताह से लगातार उस पर निगरानी रखे हुए थी। शुक्रवार को उसे जबलपुर शहर के छोटी ओमती इलाके से पकड़ा गया। जबलपुर पुलिस को एटीएस की इस पूरी कार्रवाई की भनक तक नहीं लगी। एटीएस उसे किसी अज्ञात स्थान पर ले गई है। उसके पास से कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।


जबलपुर कैसे पहुंचा सोहबत
सूत्रों के अनुसार, अफगानी नागरिक सोहबत खान 2015 में एक काम के सिलसिले में पश्चिम बंगाल से होते हुए भोपाल और फिर जबलपुर आया था। इसके बाद सोहबत ने जबलपुर के छोटी ओमती इलाके में रहने वाली एक महिला से दोस्ती की और बाद में उससे निकाह कर साथ रहने लगा। पिछले 10 सालों के दौरान सोहबत ने शहर में कई जगह प्राइवेट जॉब भी किए। सोहबत खान अपने अफगानी साथियों से लगातार संपर्क में था। वह जबलपुर के पासपोर्ट कार्यालय और यहां के लोकल एड्रेस के माध्यम से अफगानियों के नकली पासपोर्ट बनवाने की लगातार कोशिश कर रहा था।

मप्र-छग में दो दर्जन से ज्यादा संदिग्ध
एटीएस को जांच के दौरान ये भी पता चला है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में 24 से ज्यादा अफगानी युवक बिना कोई जानकारी दिए अपनी मूल पहचान छिपाकर रह रहे थे। एटीएस ने अभी तक सोहबत खान के साथ फर्जी दस्तावेज बनवाने में मदद करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।

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