मुंबई। साल 1993 में रिलीज हुई सुभाष घई (Subhash Ghai) की खलनायक (Villain) को आज 32 साल पूरे हो गए हैं। 6 अगस्त 1993 को आई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था और साल की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी। लगभग ढाई करोड़ के बजट में बनी खलनायक ने साढ़े बारह करोड़ का नेट कलेक्शन किया था। संजय दत्त, माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ की तिकड़ी ने सुभाष घई के विजन को बड़े पर्दे पर बखूबी उतारा। संजय दत्त का ग्रे-शेड्स वाला बल्लू, माधुरी दीक्षित की गंगा और जैकी श्रॉफ का ईमानदार पुलिस अफसर – तीनों ने अपनी परफॉर्मेंस से फिल्म को यादगार बना दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं खलनायक के बल्लू के किरदार के लिए नाना पाटेकर डायरेक्टर की पहली पसंद थे। उन्हें कहानी भी पसंद आई थी। अनिल कपूर भी बनना चाहते थे खलनायक।
नाना पाटेकर थे पहली पसंद
कम ही लोग जानते हैं कि बल्लू का रोल पहले अनिल कपूर करना चाहते थे। स्क्रिप्ट के बारे में सुनते ही अनिल सुभाष घई के घर पहुंचे और यहां तक कह दिया कि अगर किरदार के लिए उन्हें गंजा होना पड़े तो भी वे तैयार हैं। लेकिन सुभाष घई को लगा कि यह रोल अनिल की पर्सनैलिटी के मेल नहीं खाता। दरअसल, फिल्म के पहले ड्राफ्ट में सुभाष घई की पहली पसंद नाना पाटेकर थे। नाना को कहानी पसंद भी आई थी और वे तैयार थे, लेकिन डायरेक्टर के करीबी दोस्तों ने उन्हें समझाया कि अब यह स्क्रिप्ट पूरी तरह कमर्शियल हो चुकी है, ऐसे में किसी ऐसे स्टार को लेना बेहतर होगा जिसकी बॉक्स ऑफिस वैल्यू ज्यादा हो।
संजय दत्त ने छोड़ी छाप
इसके बाद सुभाष घई की नजर संजय दत्त पर पड़ी, जिनके साथ वे पहले ‘विदाता’ में काम कर चुके थे। संजय की मासूमियत भरी आंखें, चेहरे पर एक सच्चाई और एक्शन में उनकी पकड़, ये सब उन्हें बल्लू के लिए परफेक्ट बनाते थे। घई ने संजय को कहानी सुनाई और कहा कि इस रोल के लिए उन्हें मेहनत करनी होगी। संजय को किरदार इतना पसंद आया कि उन्होंने तुरंत हां कर दी। बाद में बल्लू का किरदार न सिर्फ फिल्म का सबसे बड़ा हाईलाइट बना, बल्कि बॉलीवुड के इतिहास में भी खलनायक का एक अनोखा और असरदार चेहरा बनकर दर्ज हो गया। आज भी संजय दत्त को उनके इस किरदार खलनायक के नाम से जाना जाता है।
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