
मुंबई: आक्सीजन (Oxygen) की कमी से जूझ रहे महाराष्ट्र (Maharashtra) में बुधवार को भयावह हादसा हो गया। नासिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) द्वारा संचालित डा. जाकिर हुसैन अस्पताल (Dr. Zakir Hussain Hospital) के आक्सीजन टैंक से लीकेज होने पर मरीजों को आक्सीजन की आपूर्तिं कुछ समय के लिए रोक दी गई। इसके कारण वेंटिलेटर के सहारे चल रहे 24 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय की ओर से जारी बयान में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। साथ ही दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की बात भी कही गई है। घटना बुधवार दोपहर 12 बजे से कुछ पहले की है। डा. जाकिर हुसैन अस्पताल परिसर में 20 दिन पहले स्थापित किए गए आक्सीजन टैंक से आक्सीजन लीक होने लगी। एक अधिकारी ने बताया कि घटना तब हुई जब एक टैंकर से टैंक में आक्सीजन भरी जा रही थी क्योंकि उसमें आक्सीजन का स्तर 25 फीसद रह गया था। सूत्रों के मुताबिक, उस समय अस्पताल में करीब 150 कोरोना मरीज भर्ती थे जो वेंटिलेटर या आक्सीजन के सहारे थे। आक्सीजन की आपूर्तिं रुकने से इन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। चूंकि यह पूरा अस्पताल इन दिनों कोरोना मरीजों के लिए ही समर्पिंत है, इसलिए ज्यादातर मरीजों के साथ उनके परिजन मौजूद नहीं थे। शुरू में सिर्फ 11 मरीजों के मरने की खबर आ रही थी, लेकिन बाद में मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हो गई।
नासिक के मेयर सतीश कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की। कलेक्टर सूरज मंधारे ने बताया कि अस्पताल के टैंक का रखरखाव एक निजी कंपनी करती है। दुर्घटना के बाद आक्सीजन की जरूरत वाले 80 में से 31 मरीजों को शहर के अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने माना है कि अस्पताल में लोगों की मौत आक्सीजन की आपूर्तिं बाधित होने के कारण हुई। उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से आक्सीजन टैंक का वाल्व लीक होने के कारण यह दुर्घटना हुई। महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने घटना पर दुख जताने के साथ-साथ इस दुर्घटना के लिए नासिक महानगरपालिका प्रशासन को आड़े हाथों लिया।
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