
ब्रसेल्स। पश्चिमी देशों के गठबंधन-उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने सोमवार को एलान किया कि वह पूर्वी यूरोप (Eastern Europe) की सीमाओं पर बड़ी संख्या में फाइटर जेट्स (fighter jets) और युद्धपोत तैनात (warship deployed) कर रहा है। इसके साथ ही वह रूस (Russia) से लगती सीमाओं पर अतिरिक्त सैन्यबलों को भी स्टैंडबाई (Armed forces also standby) पर रख रहा है। नाटो की ओर से यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब रूस लगातार अपनी तरफ से लगने वाली यूक्रेन सीमा पर सैनिकों की तैनाती (Deployment of troops along the Ukraine border) कर रहा है। हालिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि रूस अब तक कम से कम एक लाख सैनिक यूक्रेन सीमा पर भेज चुका है। रूसी टुकड़ियां यहां युद्धाभ्यास में भी जुटी हैं।
अमेरिका भी रूस से टक्कर लेने के लिए तैयार
इस बीच अमेरिका में कुछ अधिकारियों ने दावा किया है कि राष्ट्रपति जो बाइडन भी पूर्वी यूरोप और बाल्टिक देशों में अपनी सेना भेजने की तैयारी कर रहे हैं। पेंटागन ने कहा कि “यूक्रेन की सीमा पर चल रहे रूसी आक्रमण को देखते हुए पूर्वी यूरोप में संभावित तैनाती के लिए 8,500 अमेरिकी सैनिकों को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है।” बताया गया है कि बाइडन ने सेना की टुकड़ियों के साथ अमेरिका के अत्याधुनिक फाइटर जेट्स और युद्धपोत भी रूस से लगते बाल्टिक समुद्र में उतारने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि बाइडन प्रशासन ने रूस के साथ सीधी टक्कर लेने का मन बना लिया है, जबकि कुछ दिनों पहले तक अमेरिका लगातार बातचीत के जरिए रूस से अपील कर रहा था कि लह यूक्रेन पर हमला करने की गलती न करे।
अमेरिका-यूरोप को यूक्रेन पर हमले की आशंका
अमेरिका को आशंका है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला कर सकता है। बीते दिनों राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि उन्हें लगता है कि उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में दखलंदाजी करेंगे, लेकिन उन्हें जंग से बचना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी आशंका जताई है कि रूस जल्द ही’ यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
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