
नई दिल्ली। चीनी नौसेना की तरफ से फिलीपीन की रसद नौकाओं पर वाटर कैनन हमले और बार-बार ताइवान की घेराबंदी के बीच भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का समूह क्वाड पहली बार मालाबार युद्धाभ्यास हिंद महासागर से बाहर करने जा रहा है। इसके लिए आईएनएस कोलकाता व सह्याद्री के साथ भारतीय दल सिडनी पह़ुंच गया है।
क्वाड का मूल मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी आक्रमकता के खिलाफ प्रतिरोध पैदा करना है। इसी मकसद के साथ 1992 में भारत-अमेरिका के बीच शुरू हुआ यह द्विपक्षीय अभ्यास अब क्वाड के शक्ति प्रदर्शन का जरिया बन गया है। बृहस्पतिवार को सिडनी में अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के कमांडर वाइस एडमिरल कार्ल थॉमस ने चीन का नाम लिए बिना कहा, यह अभ्यास क्वाड देशों की नौसेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
वाइस एडमिरल, दिनेश त्रिपाठी का कहना है कि यह सिर्फ चार देशों का अभ्यास नहीं, बल्कि उन तमाम देशों की आकांक्षाओं को सुरक्षित रखने अभ्यास है, जो इस क्षेत्र में मौजूद हैं।
शक्ति प्रदर्शन कर छोटे देशों को धमका रहा चीन
मालूम हो कि चीन लगातार ताइवान सहित तमाम छोटे देशों के सामने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन कर उन्हें डरा-धमका रहा है। 10 दिन के मालाबार अभ्यास में शामिल होने के लिए भारत ने गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर आईएनएस कोलकाता व सह्याद्री के साथ पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट पी-8आई को भेजा है।
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