
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना (Indian Navy) की ताकत और बढ़ने जा रही है. 17 दिसंबर को गोवा के आईएनएस हंसा (INS Hansa) में एमएच-60 आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर रोमियो (Helicopter Romeo) के दूसरे स्क्वाड्रन INAS 335 को कमीशन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी के मौजूद रहने की संभावना है. हिंद महासागर में बढ़ती चीनी नौसैनिक गतिविधियों के बीच इस स्क्वाड्रन को बेहद अहम माना जा रहा है.
एमएच-60आर सीहॉक, जिसे रोमियो कहा जाता है, अमेरिका में बना एक बेहद आधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है. यह खास तौर पर दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजने और नष्ट करने के लिए जाना जाता है. समंदर की गहराइयों में छिपे दुश्मनों के लिए यह हेलीकॉप्टर किसी खौफ से कम नहीं है.
रोमियो हेलीकॉप्टर * एंटी-सबमरीन वॉरफेयर * सतह पर हमले * समुद्री निगरानी * सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन जैसे हर अहम मिशन में इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इसमें आधुनिक एवियोनिक्स और एडवांस सेंसर लगे हैं, जो इसे नए जमाने के युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार बनाते हैं. इन हेलीकॉप्टरों में * टॉरपीडो * मिसाइल * प्रिसिजन गाइडेड रॉकेट दागने की क्षमता है. इससे दुश्मन की पनडुब्बियों और युद्धपोतों का बचना बेहद मुश्किल हो जाता है.
एमएच-60 आर में अत्याधुनिक सोनार और सोनोब्यूय सिस्टम लगे हैं, जो समुद्र की गहराई में मौजूद पनडुब्बियों को दूर से ही पकड़ लेते हैं और लगातार उनकी निगरानी कर सकते हैं. चाहे गहरा समुद्र हो या उथला इलाका, रोमियो हर जगह असरदार है. इन हेलीकॉप्टरों में एडवांस इंफ्रारेड और डिफेंस सिस्टम लगे हैं. खतरा महसूस होते ही ये सिस्टम अपने आप सक्रिय हो जाते हैं, जिससे दुश्मन के हमलों से बचाव आसान हो जाता है.
रोमियो हेलीकॉप्टर को आईएनएस विक्रमादित्य, आईएनएस विक्रांत, आधुनिक स्टील्थ डिस्ट्रॉयर और फ्रिगेट्स से ऑपरेट किए जा सकेंगे. इससे भारतीय नौसेना की निगरानी और हमला करने की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. रोमियो हेलीकॉप्टरों का दूसरा स्क्वाड्रन भारतीय नौसेना को समुद्र में और ज्यादा ताकतवर बनाएगा. हिंद महासागर में भारत की सुरक्षा और रणनीतिक पकड़ पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होने जा रही है.
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