
नई दिल्ली । बिहार चुनाव(Bihar elections) से पहले एनडीए(NDA) के घटक दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा की नाराजगी सतह पर आ गई है। सीटों के फेरबदल(reshuffle of seats) की सूचना से रालोमो मंगलवार देर रात असहज हो गई। रालोमो के खाते से महुआ सीट लोजपा (आर) जबकि दिनारा जदयू के खाते में जाने की सूचना मिलते ही पार्टी ने कड़ा एतराज जताया है। रालोमो ने अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं से कहा है कि भाजपा सहित एनडीए के किसी प्रत्याशी के नामांकन में वे शामिल नहीं हों। मंगलवार की शाम पटना से सासाराम जा रहे रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बीच रास्ते से ही लौट गए। इस बात की भी चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा ने दोपहर 12.30 बजे रालोमो के नेताओं की बैठक भी बुलाई है।
रालोमो से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक में रालोमो को छह सीट देने पर सहमति हुई थी। रालोमो ने महज छह सीट पर सशर्त हामी भरी। इस दल की शर्त थी कि सीटें वह तय करेगी। भाजपा नेता ने इसपर सहमति दी। रालोमो ने जिन 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की इच्छा रखी थी उनमें सासाराम, मधुबनी, दिनारा, बाजपट्टी, महुआ और उजियारपुर शामिल थी।
एनडीए में सीट बंटवारे की घोषणा के बाद रालामो की ओर से सभी छह सीटों पर प्रत्याशी भी तय कर लिये गये थे और लड़ाकों को इसकी सूचना भी दे दी गई थी। लेकिन मंगलवार शाम इस पार्टी को सूचना मिली कि महुआ सीट लोजपा (आर) जबकि दिनारा सीट जदयू के खाते में अब दी जा रही है।
पार्टी महुआ सीट से उपेन्द्र कुशवाहा के पुत्र दीपक कुशवाहा जबकि दिनारा से आलोक सिंह को मैदान में उतारने वाली थी। लेकिन सीटों में बदलाव होने से इस दल ने तीखी प्रतिक्रया देते हुए अपने नेताओं को एनडीए प्रत्याशियों के नामांकन से दूर रहने का फरमान जारी कर दिया है। इस मामले पर हिन्दुस्तान ने उपेन्द्र कुशवाहा से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
रालोमो के राष्ट्रीय महासचिव फजल इमाम मल्लिक ने कहा कि एनडीए में रालोमो को एक तो मात्र 6 सीटें ही मिली हैं। इसमें भी यदि कोई सीट बदल दी जाएगी, तो यह बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। सीटों में किसी प्रकार की फेरबदल नहीं होनी चाहिए।
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