
नई दिल्ली । भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर (javelin thrower) नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra)ने ओरलेन जानुस कुसोसिन्स्की मेमोरियल प्रतियोगिता(Orlen Janusz Kusosinski Memorial Competition) में सिल्वर मेडल(Silver Medal) जीता है. यह प्रतियोगिता 23 मई (शुक्रवार) को चोरजोव (पोलैंड) में आयोजित हुई. नीरज का बेस्ट थ्रो 84.14 मीटर रहा, जो उन्होंने आखिरी प्रयास में किया. जर्मनी के जूलियन वेबर ने गोल्ड मेडल जीता. वेबर का बेस्ट थ्रो 86.12 मीटर रहा. जबकि ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 83.24 मीटर के थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.
नीरज चोपड़ा की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उनका पहला थ्रो फाउल घोषित किया गया. फिर अपने दूसरे प्रयास में नीरज ने 81.28 मीटर का थ्रो किया. इसके बाद नीरज का तीसरा एवं चौथा अटेम्प फाउल रहा. जबकि पांचवें प्रयास में उन्होंने 81.80 मीटर की दूरी तय की. नीरज का छठा प्रयास उन्हें सिल्वर मेडल जीतने की पोजीशन पर ले आया.
इस प्रतियोगिता के मेन्स जैवलिन थ्रो स्पर्धा में नीरज चोपड़ा के सामने जूलियन वेबर (जर्मनी), एंडरसन पीटर्स (ग्रेनाडा), मार्सिन क्रुकोव्स्की, रोच क्रुकोव्स्की और साइप्रियन मिर्जग्लोड (तीनों पोलैंड), एंड्रियन मर्डारे (मोल्देवा), आर्टूर फेलनर (यूक्रेन) जैसे स्टार खिलाड़ियों की चुनौती थी.
इस इवेंट में नीरज चोपड़ा का प्रदर्शन:
पहला प्रयास- फाउल
दूसरा प्रयास- 81.28
तीसरा प्रयास- फाउल
चौथा प्रयास- फाउल
पांचवां प्रयास- 81.80 मीटर
छठा प्रयास- 84.14 मीटर
इस इवेंट में सभी खिलाड़ियों के बेस्ट थ्रो
1. जूलियन वेबर (जर्मनी)- 86.12 मीटर
2. नीरज चोपड़ा (भारत)- 84.14 मीटर
3. एंडरसन पीटर्स (ग्रेनाडा)- 83.24 मीटर
4. साइप्रियन मिर्जग्लोड (पोलैंड)- 80.49 मीटर
5. मार्सिन क्रुकोव्स्की (पोलैंड)- 79.47 मीटर
6. एंड्रियन मर्डारे (मोल्दोवा)- 72.81 मीटर
7. रोच क्रुकोव्स्की (पोलैंड)- 71.87 मीटर
8. आर्टूर फेलनर (यूक्रेन)- 71.52 मीटर
दोहा डायमंड लीग में नीरज से आगे रहे थे वेबर
नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग 2025 में 90.23 मीटर दूर तक भाला फेंका था, लेकिन उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा क्योंकि जर्मनी के जूलियन वेबर ने अपने अंतिम प्रयास में 91.06 मीटर की दूरी से भारतीय एथलीट को पछाड़ दिया. जबकि दो बार के वर्ल्ड चैम्पियन एंडरसन पीटर्स 85.64 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.
नीरज चोपड़ा 2018 में 88 मीटर पार करने के बाद से 90 मीटर का थ्रो लगाने की कोशिश में जुट रहे थे और उन्हें दोहा में जाकर सफलता मिली. नीरज इस बात से राहत महसूस कर रहे हैं कि आखिरकार उनके कंधों से बोझ उतर गया है. नीरज ने स्पष्ट किया कि यह तो बस शुरुआत थी और वह आने वाले लंबे सत्र में और अधिक दूर भाला फेंकने की कोशिश करेंगे.
इस सीजन की सबसे अहम प्रतियोगिता सितंबर में टोक्यो में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप होगी, जहां वह अपना खिताब बचाएंगे. अब चोपड़ा को कमर की समस्या नहीं हैं, जिसने पिछले कुछ सालों में उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया है. सबसे लंबे थ्रो का वर्ल्ड रिकॉर्ड रखने वाले महान एथलीट जान जेलेजनी से ट्रेनिंग लेने के बाद नीरज और भी अधिक आश्वस्त हैं
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