
भोपाल: हमेशा अपने बयानों से चर्चाओं में रहने वाले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) फिर एक बयान ऐसा बयान दिया है जिसने लोगों का ध्यान खींचा है. इस बार दिग्विजय सिंह ने भारतीय संविधान (Indian Constitution) को पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) का बता दिया. दरअसल कांग्रेस (Congress) नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह 27 जनवरी को इंदौर के महू में होने वाले कांग्रेस कार्यक्रम ‘जय बापू जय भीम यात्रा’ को लेकर बैठके कर रहे हैं. नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए एक बड़ा और विवादास्पद बयान दिया है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि “पंडित जवाहरलाल नेहरू का जो संविधान था, उसे जला दिया गया और अब हम केवल भारतीय संविधान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.” उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.
राजसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भारतीय संविधान की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह संविधान हर वर्ग के अधिकारों की रक्षा करता है. उन्होंने मंच से एक पर्चा भी वितरित किया, जिसमें अनुसूचित जाति, महिलाओं, किसानों, पिछड़े वर्ग और आदिवासियों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई थी. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हमें यह ताकत देता है कि हम अपने नेताओं को चुन सकते हैं और अगर जरूरी हो तो उन्हें सत्ता से हटा भी सकते हैं. यह ताकत हमें बाबा साहब अंबेडकर द्वारा लिखित भारतीय संविधान से मिली है.
दिग्विजय सिंह ने अपने भाषण में ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि आजादी से पहले देश में राजा-रजवाड़ों का शासन था, जिसमें चुनाव नहीं होते थे और राजवंश के लोग ही शासन करते थे. उन्होंने कहा, “1947 में जब देश आजाद हुआ, तब राजा-रजवाड़ों का अंत हुआ और जनता का राज स्थापित हुआ, और यह बदलाव भारतीय संविधान के कारण संभव हुआ.”
वहीं दिग्विजय सिंह ने इस दौरान पंडित नेहरू के संविधान को जलाए जाने की बात की, और कहा कि अब केवल भारतीय संविधान को बचाना जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान व्यवस्था में समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों को छीनने की कोशिश हो रही है. दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस पर्चे का अध्ययन करें, जिसमें संविधान द्वारा बनाए गए कानूनों का उल्लेख किया गया है. जो खासकर गरीबों, महिलाओं, और किसानों के हित में हैं.
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