
डेस्क: नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने पार्टी का कार्यालय बनाने के लिए एक बिजनेसमैन से उपहार में ली गई जमीन शर्मिंदगी का कारण बन गई है. जहां विपक्षी दल इस मामले में ओली पर निशाना साध रहे थे, वहीं अब सत्ताधारी पार्टी के अंदर भी इसके खिलाफ आवाज उठने लगी है.
पार्टी की नेता बिंदा पांडे ने इस मामले में प्रधानमंत्री ओली से जमीन वापस करने की मांग करते हुए कहा कि इस तरह का उपहार स्वीकार करना पार्टी के पांच लाख से अधिक सदस्यों को शर्मिंदा करने जैसा है. यह उन 30 लाख लोगों का भी अपमान है जिन्होंने चुनाव में सीपीएन-यूएमएल को वोट दिया. देश के दिग्गज बिजनेसमैन मिन बहादुर गुरुंग ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी के लिए ऑफिस बनाने के लिए 5,300 वर्ग मीटर जमीन उपहार में दी थी.
इसको लेकर विपक्षी दल पीएम ओली पर सवाल उठा रहे थे लेकिन अब पार्टी के अंदर भी सवाल उठने लगे हैं, जो पीएम ओली को असहज कर सकता है. पार्टी के ट्रेड यूनियन नेता बिंदा पांडे ने जमीन वापस लौटाने की मांग करते हुए इसे पार्टी के सम्मान से जोड़ा और पीएम ओली से अपनी गलती सुधारने के लिए कहा.
पांडे ने कहा कि एक बिजनेसमैन को कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत सामाजिक काम करने की उम्मीद की जाती है, लेकिन यदि वह किसी राजनीतिक पार्टी को जमीन देता है, तो यह गलत है क्योंकि समाज में इसका गलत संदेश जाता है. उन्होंने पार्टी को जमीन स्वीकार करने के फैसले को गलत करार दिया और कहा कि ऐसे फैसले से पार्टी की विरासत को नुकसान होगा. उन्होंने इस फैसले को पार्टी के आदर्शों और मूल्यों के खिलाफ बताते हुए कहा कि ऐसे फैसले दिवंगत नेताओं का अपमान है. उन्होंने दिवंगत मन मोहन अधिकारी और मदन भंडारी जैसे नेताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि इन्होंने हमेशा ऐसे फैसलों का विरोध किया था.
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