
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) और अन्य हिमालयी शिखरों (Himalayan Peaks) पर बढ़ते कचरे की समस्या (Waste Problem) से निपटने के लिए नेपाल सरकार (Nepal Government) ने एक व्यापक ‘एवरेस्ट क्लीनिंग एक्शन प्लान (2025-2029)’ पेश किया है। यह योजना इस आलोचना के बाद लाई गई है कि माउंट एवरेस्ट डंपिंग ग्राउंड बनता जा रहा है। संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से तैयार की गई यह योजना 2025 से 2029 तक चलेगी। इस पांच वर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य पर्वतारोहण को सुरक्षित बनाना और हिमालय की पारिस्थितिकी की रक्षा करना है।
क्या है नेपाल सरकार का एक्शन प्लान?
अत्यधिक भीड़ और पर्यावरण को हो रहे नुकसान के कारण सरकार एवरेस्ट बेस कैंप को किसी वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित करने की व्यवहार्यता का अध्ययन भी करेगी। पर्यटन विभाग के निदेशक हिमल गौतम के अनुसार, बेस कैंप वर्तमान में बहुत नाजुक स्थिति में है और इसकी स्थिरता के लिए विकल्प तलाशना जरूरी है। जापानी पर्वतारोही केन नोगुची, जिन्होंने 2000 से 2007 के बीच अपनी टीम के साथ करीब 90 टन कचरा इकट्ठा किया था। उनका कहना है कि स्थिति पहले से और खराब हुई है। पहाड़ों पर ऑक्सीजन कैनिस्टर, प्लास्टिक की बोतलें, रस्सियां और मानवीय अपशिष्ट भारी मात्रा में जमा हैं। प्लास्टिक को गलने में 500 साल लग सकते हैं और इसे जलाने या दबाने से मिट्टी और हवा दोनों प्रदूषित हो रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved