
नई दिल्ली: नेपाल में Gen-Z (Gen-Z in Nepal) के नेतृत्व वाले हिंसक प्रदर्शनों के बाद उपजे राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल (President Ram Chandra Paudel) ने मौजूदा संसद को भंग कर दिया है और पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की (Sushila Karki) को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने का फैसला लिया है. राष्ट्रपति के साथ सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल की मौजूदगी में Gen-Z समूहों की बैठक में सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने पर सहमति बनी. इसके बाद राष्ट्रपति पौडेल ने कार्की को भी मीटिंग के लिए बुलाया था और उनसे इस जिम्मेदारी को संभालने का अनुरोध किया, जिसे नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया.
वह राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण करेंगी. बता दें कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपनी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया बैन को लेकर Gen-Z के नेतृत्व में 8 और 9 सितंबर को हुए राष्ट्रव्यापी हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था. Gen-Z प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि मौजूदा संसद को भंग करके देश में अगले राष्ट्रीय चुनावों तक एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाए, जिसे राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने सेना प्रमुख के साथ विचार-विमर्श के बाद स्वीकार कर लिया.
सुशीला कार्की ने 1979 में विराटनगर में एक वकील के रूप में अपना कानूनी करियर शुरू किया और 2009 में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं. वह 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं. भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपने अडिग रुख के लिए उन्हें पहचान मिली, विशेष रूप से भ्रष्टाचार के आरोपों में वर्तमान मंत्री जय प्रकाश गुप्ता को दोषी ठहराने और कारावास का आदेश देने के लिए.
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