
डेस्क: इजराइल (Israel) ने यमन (Yaman) की राजधानी सना में 28 अगस्त को एयरस्ट्राइक (Airstrike) की थी, जिसमें हूती लड़ाकों (Houthi Fighters) के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की मौत हुई थी. हमले में 2 डिप्टी पीएम, विदेश मंत्री समेत 10 मंत्री भी मारे गए थे. हूती विद्रोहियों ने इसका बदला लेने की कसम खाई है. हमले के 2 दिन बाद हूती अथॉरिटी ने सना और अन्य इलाकों में दर्जनों लोगों को इजराइल की मदद करने के संदेह में गिरफ्तार किया है.
हूतियों ने संयुक्त राष्ट्र के परिसरों में छापेमारी करके 11 कर्मचारियों को हिरासत में लिया है. हूती के लड़ाके आम तौर पर अरबी भाषा की इस्तेमाल करते हैं. इजराइल डिफेंस फोर्स और उसके जासूस इसे डिकोड नहीं कर पा रहे थे. हाल ही में इजराइल की सरकार ने सभी खुफिया अधिकारियों से अरबी भाषा को सीखने के लिए कहा. अरबी भाषा की वजह से टारगेट चुनने में आसानी हुई.
यमन में हूती नेताओं पर हुए इजराइली हमले के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज समेत कई मंत्रियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हूतियों के नेता अब्दुल मलिक अल-हौथी ने रविवार को कहा कि हम इजराइल के खिलाफ हमले जारी रखेंगे. उन्होंने मिसाइलों और ड्रोन्स से इजराइल को निशाना बनाने की कसम खाई. अब्दुल ने कहा कि हम इजराइली हमलों से कमजोर नहीं पड़ने वाले. अब्दुल ने कहा कि हम इजराइली हमलों को नाकाम कर देंगे. वह हमारे शहरों और लोगों को निशाना नहीं बना पाएगा.
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