
भोपाल । मध्यप्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) में नया विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और कमलनाथ (Kamal Nath) खुले-तौर पर एक दूसरे के खिलाफ दिख रहे हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में 78 साल के दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमल नाथ की सरकार को इसलिए अलविदा कहा क्योंकि उनकी ‘विश लिस्ट’ पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
दिग्विजय ने बताया कि 2020 की शुरुआत में उन्होंने, कमल नाथ और सिंधिया ने एक बड़े उद्योगपति के घर पर डिनर टेबल पर मुलाकात की थी। इस मुलाकात में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र, जो सिंधिया का गढ़ है, से जुड़े कुछ अहम मुद्दों को हल करने की बात हुई थी। दिग्विजय और सिंधिया ने मिलकर एक ‘जॉइंट विश लिस्ट’ कमल नाथ को सौंपी, लेकिन वह अनसुलझी रह गई। दिग्विजय ने कहा, ‘मैंने उस उद्योगपति से कहा था कि इन दोनों की लड़ाई से सरकार गिर जाएगी। हमने डिनर पर बात की, मुद्दे तय किए, लेकिन कमल नाथ ने उन पर अमल नहीं किया।’
कमल नाथ का पलटवार
कमल नाथ भी कहां चुप रहने वाले थे। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर दिग्विजय पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘पुरानी बातें उखाड़ने का कोई मतलब नहीं। लेकिन यह सच है कि सिंधिया को लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। उनकी निजी महत्वाकांक्षाओं और इस नाराजगी ने उन्हें कांग्रेस के 22 विधायकों (जिनमें 6 मंत्री शामिल थे) के साथ बीजेपी में ले जाने को मजबूर किया।’ कमल नाथ का यह बयान साफ करता है कि वह सिंधिया की बगावत के लिए दिग्विजय को जिम्मेदार मानते हैं।
सिंधिया की चुप्पी
जब इस बवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल किया गया, जो केंद्रीय मंत्री ने चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा, ‘मैं अतीत पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।’ उनकी यह खामोशी सियासी हलकों में कई सवाल खड़े कर रही है। क्या वह पुराने घावों को कुरेदना नहीं चाहते, या फिर कुछ और है कहानी?
दिग्विजय-सिंधिया का अनोखा रिश्ता
हाल ही में एक स्कूल के उद्घाटन समारोह में दिग्विजय और सिंधिया की मुलाकात ने सबका ध्यान खींचा। सिंधिया मंच पर थे और दिग्विजय दर्शकों के बीच बैठे थे। तभी सिंधिया नीचे उतरे, दिग्विजय का हाथ पकड़ा और उन्हें मंच पर ले गए। दिग्विजय ने इसे हल्के में लेते हुए कहा, ‘मुझे दर्शकों में बैठना पसंद है।’ गौरतलब है कि दोनों के बीच पुराना रिश्ता है। दिग्विजय ने बताया कि उन्होंने ही सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया को कांग्रेस में लाया था। 2001 में माधवराव की विमान दुर्घटना में मृत्यु के बाद दिग्विजय ने ज्योतिरादित्य को हरसंभव सहयोग दिया था।
जीतू पटवारी का डैमेज कंट्रोल
इस पूरे बवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने माहौल को हल्का करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘दिग्विजय और कमल नाथ के बीच गहरा स्नेह है। उनकी अपनी केमिस्ट्री है। वे जानते हैं कि कैसे मुद्दों को चर्चा में लाना है। तो, हमें इस विश लिस्ट की चिंता करने की जरूरत नहीं।’
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