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1 अप्रैल से लागू होगी इन्दौर में नई गाइडलाइन, पंजीयन विभाग जुटा तैयारियों में

January 18, 2025

इंदौर। बीच वित्त वर्ष में तो गाइडलाइन में वृद्धि का प्रस्ताव धरा रह गया। अलबत्ता 1 अप्रैल से नई गाइडलाइन लागू होगी। उसकी तैयारी पंजीयन विभाग ने शुरू कर दी है। पिछले दिनों भोपाल मुख्यालय ने नई गाइडलाइन बनाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी भिजवाए, वहीं दूसरी तरफ सम्पदा-1 के साथ-साथ 2 से भी रजिस्ट्रियां हो रही है और ऑनलाइन होने वाली इस रजिस्ट्री में जो दस्तावेज मिलता है वह भी गुणवत्तापूर्ण और रंगीन रहता है, जिससे यह पहचानने में आसानी रहती है कि रजिस्ट्री कौन सी असली है और कौन सी उसकी फोटो कॉपी। अभी तक पंजीयन विभाग 1790 करोड़ रुपए का राजस्व 15 जनवरी तक ही हासिल कर चुका था, जो कि गत वर्ष से 2 फीसदी से अधिक है, वहीं दस्तावेजों की संख्या 1 लाख 35 हजार तक पहुंच गई है, जो कि गत वर्ष की तुलना में लगभग 5 हजार अधिक है।

पंजीयन विभाग द्वारा नई लोकेशनों की तलाश के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में गाइडलाइन में वृद्धि भी की जाएगी, जहां पर अधिक दस्तावेजों का पंजीयन या जमीनों की खरीद-फरोख्त हो रही है। अभी पिछले दिनों ही गोदरेज समूह ने अपनी दूसरी बड़ी रजिस्ट्री भी करवाई। पूर्व में गोदरेज ने सांवेर तहसील के गांव शाहणा में 200 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री करवाई थी, जिसमें 47 एकड़ जमीन खरीदी गई। वहीं वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा के मुताबिक पिछले दिनों ही गोदरेज समूह ने 206 करोड़ रुपए की एक और रजिस्ट्री करवाई, जो कि मांगलिया की लगभग 24.30 एकड़ जमीन की है। इस रजिस्ट्री से भी 7.13 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ और पूर्व की रजिस्ट्री से भी 5.26 करोड़ मिले थे।


वहीं 2025-26 की गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया भी अब शुरू की जा रही है। इस संबंध में पिछले दिनों सभी कलेक्टरों और जिला मूल्यांकन समिति अध्यक्षों के साथ वरिष्ठ जिला पंजीयक को निर्देश भिजवाए गए थे, जिसमें जनता के सुझावों को आमंत्रित करने, जिला मूल्यांकन समिति की बैठक आयोजित कर गाइडलाइन की अंतिम दरों का प्रारम्भिक प्रकाशन सम्पदा के माध्यम से कराए जाने और उसका प्रकाशन कर आम जनता से सुझाव लेने के अलावा यह भी कहा गया कि मूल्य सूचकांक और शहर या गांव में प्रस्तावित विकास को देखते हुए गाइडलाइन की दरें तय की जाएं। नई लोकेशन, कॉलोनियों को जोड़े जाने की स्थिति में दरें प्रस्तावित किए जाने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियों की जानकारी भी ली जाए। जिलों में ऐसे स्थान, जहां पर जमीनों का अधिग्रहण हो रहा है या होने की संभावना है, के अलावा जो बड़े महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आ रहे हैं उसको भी देखते हुए दरें प्रस्तावित की जाए। दूसरी तरफ अभी सम्पदा 1 और 2 पर रजिस्ट्रियां की जा रही है। हालांकि अभी शुरुआत में सम्पदा-2 पर रजिस्ट्री करवाने वालों की संख्या कम है। मगर उसमें स्लॉट उसी दिन मिल जाता है।

सम्पदा-1 में पहले सभी उपपंजीयकों को 25 स्लॉट मिलते थे, जिसे बाद में घटाकर 18 कर दिए। वहीं अब धीरे-धीरे सम्पदा-2 में अधिक रजिस्ट्रियां होने लगी हैं। हालांकि इसमें ऑनलाइन की प्रक्रिया अभी थोड़ी जटील है, क्योंकि सभी दस्तावेज ऑनलाइन ही अपलोड करना पड़ते हैं और सर्वर डाउन होने की समस्या भी बनी है। कल भी काफी देर तक सर्वर डाउन होने के कारण रजिस्ट्री करवाने वालों को काफी समय तक इंतजार करना पड़ा। मगर सम्पदा-2 से होने वाली रजिस्ट्री जहां हाथों हाथ मिल जाती है, वहीं उसकी गुणवत्ता भी बेहतर है। बहुरंगी यह रजिस्ट्री अलग से ही दिख जाती है। वरना सम्पदा-1 पर होने वाली रजिस्ट्री में असली और फोटो कॉपी में अंतर करना भी मुश्किल होता है। इसमें खरीददार-बेचवाल के साथ-साथ गवाहों के भी रंगीन फोटो और खरीदी जाने वाली सम्पत्ति का भी साफ फोटो रहता है, जिससे आने वाले समय में धोखाधड़ी भी कम होगी। पंजीयन विभाग का कहना है कि इस साल भी गत वर्ष की तुलना में अधिक राजस्व अर्जित किया गया है। अभी 2 से 3 फीसदी तक बढ़ोतरी चल रही है। इस साल अभी तक 1 लाख 35 हजार दस्तावेज पंजीबद्ध हुए हैं, जो कि गत वर्ष की तुलना में लगभग 5 से 6 हजार ज्यादा हैं। इसी तरह पंजीयन विभाग की आय की बात की जाए तो इस साल 3077 करोड़ का भारी-भरकम लक्ष्य मिला है, जिसमें जनवरी माह में 240 करोड़ रुपए हासिल करना है। वर्ष के प्रारंभ से लेकर इस माह के अंत तक 2299.61 करोड़ की आय हासिल करने का लक्ष्य है, तो 1789.54 करोड़ की आय हासिल हो चुकी है। हालांकि लक्ष्य की तुलना में यह आय लगभग 400 करोड़ से भी कम है। मगर विभाग का अनुमान है कि फरवरी और मार्च के महीने में रजिस्ट्रियां बढ़ेंगी, जिसके चलते मिले हुए लक्ष्य को पूरा किया जाना संभव है। अभी तक विभाग 1749 करोड़ रुपए तक का राजस्व हासिल कर चुका है।

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