
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labor Organization.) के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. हुंगबो (Director General Gilbert F. Houngbo) ने कहा है कि नई श्रम संहिता लागू (New labor code implemented) होने से सरकारी रोजगार प्रदाताओं और श्रमिकों के बीच सामाजिक सुरक्षा संवाद मजबूत होगा। एक पोस्ट में उन्होंने कहा, भारत की नई श्रम संहिताओं में सामाजिक सुरक्षा और न्यूनतम मजदूरी शामिल हैं, दिलचस्पी से इस कदम को देख रहा हूं।
इस बीच, श्रम संहिता पर प्रतिक्रिया देते हुए, पॉलिसीबाजार फॉर बिजनेस के डायरेक्टर, सज्जा प्रवीण चौधरी ने कहा कि 40 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों के लिए सालाना स्वास्थ्य जांच जरूरी करना, श्रमिकों को लेकर कंपनियों के नजरिये में एक बड़ा बदलाव है। उन्होंने कहा कि श्रम संहिताओं को लागू करना एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि दीर्घ काल में इन कानूनों से रोजगार और सेवा प्रदाता कर्मचारियां को समान रूप से लाभ पहुंचेगा।
नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (एनआईटीईएस) के प्रेसिडेंट हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा कि श्रम संहिताओं के जरिये सबसे असरदार बदलावों में से एक है लाभप्रद सुविधाओं को डिजिटल से ट्रैक करना। खासकर, आईटी जैसे क्षेत्र के लिए यह बेहद अहम है, जहां कर्मचारी तेजी से नौकरियां बदलते हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ ने बताया मील का पत्थर
केंद्र सरकार की ओर से चार श्रम संहिताओं को लागू करने के फैसले का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। उद्योगपतियों ने इस कदम को भारत के श्रम कानूनों को सरल बनाने और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर बताया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह सुधार बेहतर वेतन, मजबूत सामाजिक सुरक्षा और कार्यस्थल पर बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। पीडब्ल्यूसी इंडिया के लोकेश गुलाटी ने कहा कि ये संहिताएं नियमों के अनुपालन को सरल बनाएंगी और निवेश आकर्षित करने में मदद करेंगी।
निर्यातकों को मिलेगा प्रोत्साहन…
वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि श्रम संहिताओं के लागू होने से देश का निर्यात तंत्र मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि ये सुधार अस्थिर वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने और अंतरराष्ट्रीय अनुपालन मानकों को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी थे। अधिकारी ने कहा कि श्रमिकों के लिए ये प्रावधान निष्पक्ष मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, समानता, कौशल उन्नयन के अवसर और श्रम की गरिमा सुनिश्चित करते हैं।
गिग श्रमिकों की स्थिति होगी मजबूत : इटरनल
जोमैटो और ब्लिंकिट की मूल कंपनी इटरनल लिमिटेड ने शनिवार को चारों श्रम संहिताओं के लागू होने का स्वागत किया।कंपनी ने कहा कि इससे गिग श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच मजबूत होगी। गिग श्रमिकों में उसके जोमैटो और ब्लिंकिट कारोबार से जुड़े डिलीवरी साझेदारों को भी लाभ मिलेगा। इटरनल ने शेयर बाजार को बताया कि लंबी अवधि में इन नए नियमों का उसके कारोबार की सेहत और स्थिरता पर कोई नकारात्मक वित्तीय असर नहीं पड़ेगा। नई संहिताओं में पहली बार गिग कार्य, मंच कार्य और एग्रीगेटर की परिभाषाएं दी गई हैं।
कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- 400 रुपये हो न्यूनतम मजदूरी
कांग्रेस ने नई श्रम संहिता पर सवाल उठाए। विपक्षी दल ने कहा कि मोदी सरकार नई श्रम संहिता के तहत श्रमिक न्याय को हकीकत बनाने के लिए न्यूनतम राष्ट्रीय मजदूरी 400 रुपये निर्धारित करे। 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा और शहरी इलाकों में भारतीय कामगारों के लिए रोजगार गारंटी कानून को लागू करे। कांग्रेस ने कहा कि श्रम संबंधी 29 मौजूदा कानूनों को चार संहिताओं में समाहित करके नए रूप में पेश कर दिया गया और इसे एक क्रांतिकारी सुधार के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
रमेश ने एक पोस्ट में कहा 29 मौजूदा श्रम संबंधी कानूनों को चार संहिताओं में समाहित करके नए रूप में पेश कर दिया गया है। इसे क्रांतिकारी सुधार के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, जबकि नियमों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या ये संहिताएं श्रमिक न्याय के लिए भारत के श्रमिकों की पांच आवश्यक मांगों को वास्तविकता बना देंगे?
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