
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश घोटाला (Madhya Pradesh scam) के चलते फिर एक बार चर्चा में है। ड्राई फ्रूट और फोटो कॉपी के बाद अब मप्र के शहडोल में ईंटों का घोटाला हुआ है। शहडोल जिले की बुधार ब्लॉक की भाटिया ग्राम पंचायत ने 50 रुपये के हिसाब से 2500 ईंटे खरीदीं हैं। इसके लिए पंचायत ने 1.25 लाख रुपये का बिल पास किया है। यह रेट सामान्य से 10 गुना ज्यादा है।
मामले में एक्शन लेते हुए शहडोल कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने अधिकारियों को रोजाना 10-12 पंचायतों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये बिल लापरवाही से तो नहीं भेजे गए हैं या जानबूझकर की गई धोखाधड़ी से। शहडोल में यह कोई पहला घोटाला नहीं है। इससे पहले भी शहडोल जनपद के कई बिल सामने आए। जिनसें प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है।
कुछ हफ्ते पहले ही कुदरी ग्राम पंचायत से 2 पन्नों की फोटोकॉपी के लिए 4,000 रुपये जारी हुए थे। जुलाई में, भदवाही गांव में एक घंटे के जल गंगा संवर्धन अभियान में 14 किलो मेवे, 30 किलो नमकीन और 9 किलो फल का बिल पास हुआ था। इन दोनों बिलों से पूरे देश में शहडोल का नाम चर्चा में आया था।
जल गंगा संवर्धन अभियान के ड्राईफ्रूट का बिल जिस दुकान से जारी हुआ था, वह हकीकत में एक गुमटी थी। जांच में उस दुकान से ड्राईफ्रूट नहीं मिले। उसके पास जीएसटी नंबर या बिल बुक तक नहीं थी। इसके अलावा पंचायत में घी और फलों का बिल उस दुकान से आया जहां असल में रेत, बजरी और ईंटे मिलती हैं।
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