
नई दिल्ली । केरल (Kerala) की नर्स निमिषा प्रिया (Nurse Nimisha Priya) को बचाने की कोशिशें जारी हैं। खबर है कि यमन में उन्हें 16 जुलाई को मौत की सजा दी जानी है। वह तलाल अब्दो महदी (Talal Abdo Mahdi) नाम के यमनी नागरिक (Yemeni citizen) की हत्या की दोषी पाई गईं हैं। अब सवाल है कि भारत से बड़े सपने लेकर दूर देश पहुंचीं निमिषा आखिर इस हाल में कैसे आ गईं। कहा जाता है कि वह तलाल की धोखाधड़ी का शिकार हो गई थीं।
सब सही चल रहा था, लेकिन
निमिषा को यमन की राजधानी सना में एक स्वास्थ्य केंद्र में नौकरी मिली थी, लेकिन वह आगे चलकर खुद का क्लीनिक खोलना चाहती थीं। सबकुछ ठीक चल रहा था और वह साल 2011 में कतर में ड्राइवर का काम करने वाले टॉमी थॉमस से शादी करने भारत आ गईं। इसके बाद दोनों ने यमन का रुख किया। दोनों की बेटी भी हुई। साल 2014 में निमिषा क्लीनिक खोलने की तैयारी कर रही थीं। तभी अक्तूबर 2014 में उनकी मुलाकात यमन के युवक तलाल अब्दो महदी से हुई।
कैसे हुई मुलाकात
तलाल का परिवार उस क्लीनिक पर आता रहता था, जहां निमिषा काम करती थीं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तलाल उनकी मदद करना चाहता था और यही से निमिषा को रास्ता नजर आया। यमन के कानून कहते हैं कि क्लीनिक खोलने के लिए लोकल स्पॉन्सरशिप की जरूरत होती है। ऐसे में उन्होंने तलाल से औपचारिकताओं में मदद करने के लिए कहा। खबर है कि निमिषा ने तलाल को 6 लाख यमनी रियाल भी दिए थे, ताकि जगह के मालिक को किराया दिया जा सके और परमिट हासिल कर सकें।
शुरू हो गई क्लीनिक और प्रताड़ना भी
तमाम मुश्किलों के बाद अप्रैल 2015 में निमिषा ने क्लीनिक शुरू कर दी। रिपोर्ट में निमिषा और उनके परिवार के हवाले से बताया गया है कि तलाल अब साझेदार का रवैया बदल रहा था। उसने कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज बनाकर क्लीनिक में 33 फीसदी हिस्सा मांगा। साथ ही निमिषा का पासपोस्ट जब्त कर लिया और दोनों को शादीशुदा दिखाने के लिए फर्जी विवाह प्रमाण पत्र भी बनवा लिया।
खास बात है कि जब निमिषा इन दस्तावेजों को लेकर कोर्ट पहुंची, तो वहां भी इन्हें सही माना गया। बात जब पुलिस के पास पहुंची, तो निमिषा और तलाल दोनों को ही थोड़े समय के लिए जेल में डाला गया था। निमिषा ने तलाल पर शारीरिक और यौन हिंसा के आरोप लगाए थे। उनकी शिकायतों के आधार पर तलाल कई बार जेल गया। फरवरी 2016 में कोर्ट ने निमिषा की प्रॉपर्टी और क्लीनिक के दस्तावेज लौटा दिए।
यहां से बिगड़ी बात
रिपोर्ट के मुताबिक, तलाल धोखाधड़ी के एक और मामले में जेल चला गया। अब बाहर निमिषा को उनके पासपोर्ट की जरूरत थी। ऐसे में उन्होंने तलाल से मिलने जेल जाना शुरू कर दिया। खबर है कि वह लगातार दस्तावेज लौटाने और तलाक के कागज पर साइन करने के लिए कहती थीं, ताकि झूठी शादी को खत्म किया जा सके।
काल बनी वो मुलाकात
जुलाई 2017 में ऐसी ही एक मुलाकात के लिए वह जेल गईं। मिलने के दौरान उन्होंने पासपोर्ट हासिल करने के लिए तलाल को इंजेक्शन लगा दिया, लेकिन उसकी ओवरडोज से मौत हो गई। निमिषा ने यमन की ही एक साथी नर्स की मदद मांगी, जिसने कथित तौर पर शव के टुकड़े करने और पानी की टंकी में फेंकने का सुझाव दिया।
बाद में दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गईं। निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया और साल 2020 में स्थानीय कोर्ट ने उन्हें तीन बार मौत की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट ने दो सजाओं को बरकरार रखा।
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