
नई दिल्ली । छह साल से अधिक समय से जेल में बंद भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) ने ब्रिटेन (Britain) की एक अदालत (court) में प्रत्यर्पण को लेकर नया दावा किया है। उसने कहा कि अगले महीने धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों पर उसके प्रत्यपर्ण के तहत भारत को सौंपने के मामले की सुनवाई के लंदन में फिर से शुरू होने पर ‘सनसनीखेज घटनाक्रम’ देखने को मिलेंगे। ‘रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस’ में 54 वर्षीय नीरव मोदी शुक्रवार को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश साइमन टिंकलर के समक्ष एक अन्य असंबंद्ध मामले में अपना बचाव करने के लिए पेश हुआ। इसमें बैंक ऑफ इंडिया के 80 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक के बकाया ऋण का मुद्दा शामिल है।
जज ने जेल में तकनीकी और चिकित्सीय बाधाओं के आधार पर कार्यवाही पर रोक लगाने के नीरव के आवेदन को ठुकरा दिया, जिस पर जनवरी 2026 में सुनवाई होनी है। नीरव ने मुकदमा-पूर्व समीक्षा सुनवाई के दौरान कहा कि बैंक ऑफ इंडिया मेरे प्रत्यर्पण का जिक्र कर रहे हैं…मैं अब भी यहां हूं। कुछ सनसनीखेज घटनाक्रम समाने आएंगे, और मैंने पहले कभी इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया।’’
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के करीब दो अरब डॉलर के ऋण घोटाले के मामले में भारत में वांछित भगोड़े हीरा व्यापारी ने अदालत से कहा कि उसे उम्मीद है कि या तो उसे बरी कर दिया जाएगा या उसे जमानत दे दी जाएगी। क्योंकि अदालत ने ऐसे मामलों में उच्च स्तर की पाबंदी के बावजूद नए साक्ष्य स्वीकार करने पर सहमति जताई है। ब्रिटेन की ‘क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) ने पुष्टि की है कि नीरव ने ‘अपनी (प्रत्यर्पण) अपील को फिर से खोलने के लिए एक आवेदन दायर किया है। भारतीय अधिकारी नवंबर के अंत में होने वाली सुनवाई से पहले अपना जवाब प्रस्तुत करेंगे।
खुद को ‘व्यक्तिगत रूप से मुद्दई’ बताते हुए नीरव ने न्यायाधीश को संबोधित करते हुए कई हस्तलिखित नोट पढ़े। अधिकारी निगरानी कर रहे थे, जबकि उनका कैदी, जो एक घिसी-पिटी सफेद टी-शर्ट और गुलाबी पैंट पहने हुए था। वह बुदबुदाते स्वर में अपनी आंखों की रोशनी की समस्या और सलाखों के पीछे कंप्यूटर तक पहुंच पाने में होने वाली लंबी देरी के बारे में बता रहा था। इसके बारे में उसने जोर देकर कहा कि यह किसी भी मुकदमे को अनुचित और असंतुलित बनाता है।
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