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दिल्ली की सड़कों पर नितिन गडकरी जल्द दौड़ाएंगे ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार

December 03, 2021

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जल्द ही दिल्ली की सड़कों पर ग्रीन हाइड्रोजन से चलन वाली कार दौड़ाने वाले हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने एक पायलट प्रोजेक्ट केलिए एक ऐसी कार खरीदी है, जो ग्रीन हाइड्रोजन पर चलेगी। इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए फरीदाबाद के तेल अनुसंधान संस्थान में उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन ली है। परिवहन मंत्री ने कहा कि वह दिल्ली में उस कार को चलाएंगे, ताकि लोगों को विश्वास हो कि पानी से ग्रीन हाइड्रोजन प्राप्त करना संभव है।

नितिन गडकरी ने संभावित परिवहन ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन की संभावनाओं पर जोर दिया। मंत्री ने कहा कि मेरी ग्रीन हाइड्रोजन पर बसें, ट्रक और कार चलाने की योजना है, जो शहरों में सीवेज के पानी और ठोस कचरे का उपयोग करके बनाई जाएगी। नागपुर में शुरू की गई 7 साल पुरानी एक परियोजना के बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा कि यहां सीवेज के पानी को पुनर्नवीनीकरण किया जाता है और अब नागपुर अपने सीवेज के पानी को महाराष्ट्र सरकार के बिजली संयंत्र को बेचता है और एक साल में लगभग 325 करोड़ रुपए कमाता है।


उन्होंने कहा, ‘ आज के वक्त में कुछ भी बेकार नहीं है। यह नेतृत्व और प्रौद्योगिकी के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि आप कचरे में धन पैदा कर सकते हैं। अब मैं कोशिश कर रहा हूं कि हम अपशिष्ट जल में धन पैदा कर सकें। हर नगरपालिका के पास यह पानी है।’ उन्होंने कहा कि लोगों को प्रशिक्षित करें ताकि इस पानी से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सके।

गडकरी ने कहा कि हमारे पास ठोस कचरा है जिसे सस्ती दर पर बिजली देकर सौर छतों द्वारा कवर किया जा सकता है। इसलिए बिजली सस्ती आती है और हमारे पास पानी है और इलेक्ट्रोलाइजर्स अब भारत द्वारा उत्पादित किए जाते हैं। हम ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकते हैं और यह एक वैकल्पिक ईंधन हो सकता है। इस पर सभी बसें, ट्रक, कार चलाई जा सकती हैं। ये मुश्किल नहीं है। मैंने एक हाइड्रोजन कार खरीदी है, जिसे मैं दिल्ली में चलाने जा रहा हूं, क्योंकि लोग लीक से हटकर विचारों को स्वीकार करने में समय लेते हैं।

अन्य नवीन परियोजनाओं के बारे में बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि उनके कमरे की एक दीवार पर उन्होंने गाय के गोबर से पेंट करवाया है। मंत्री ने कहा अगर हम गोबर और गोमूत्र की व्यावसायिक व्यवहार्यता (बिजनेस) बना सकते हैं तो गोरक्षन की कोई आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि लोग अपनी गायों को नहीं बेचेंगे। गोमूत्र से फिनाइल बनाया जा सकता है।

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