
डेस्क: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) ग्राहकों को फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए अब कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (Corporate Average Fuel Efficiency) नॉर्म्स के तहत ईवी और फ्लेक्स फ्यूल वाहनों दोनों को एक समान ही महत्व देने की तैयारी हो रही है.
गडकरी ने बताया कि नए नियमों को इस तरह से तैयार किया जा रहा है जिससे ईंधन की खपत कम हो, वाहन से होने वाला प्रदूषण घटे और कच्चे तेल के इंपोर्ट पर निर्भरता भी घटाई जा सके.नितिन गडकरी ने बताया कि अब तक जो भी CAFE नियम बनाए गए थे वो ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहनों के पक्ष में रहे हैं, लेकिन अब जो CAFE 3 नॉर्म्स अप्रैल 2027 से लागू किया जाएगा उसमें इलेक्ट्रिक और फ्लेक्स फ्यूल दोनों टेक्नोलॉजी को बराबरी से शामिल करेंगे.
एक कार का CO2 एमिशन उसके द्वारा खपत किए जाने वाले ईंधन की मात्रा के सीधे प्रपोशनल होता है. इसका मतलब ये है कि अगर वाहन मालिक के पोर्टफोलियो मेंफ्यूलसफिशिएंटव्हीकल हैं तो कुछ मॉडलों में एमिशन ज्यादा हो सकता है. मार्च 2027 तक लागू मौजूदा CAFE 2 मानदंडों के तहत छोटी कारों के लिए कोई अलग स्टैंडर्ड नहीं है. मौजूदा नियमों के मुताबिक, हर वाहन निर्माता द्वारा बेचे गए 3,500 किलो से कम वजन वाले सभी पैसेंजर वाहनों (जिनमें सीएनजी, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं) उनका औसत एमिशन 113 ग्राम CO2 प्रति किलोमीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
नितिन गडकरी के मुताबिक, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय रूसी तकनीक पर टेस्टिंग कर रहा है जिससे इथेनॉल का कैलोरी मान पेट्रोल के बराबर बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही नितिन गडकरी ने कहा कि जब भारत ने 2020 में BS-IV से BS-VI पर जाने का निर्णय लिया था, तो इसका काफी विरोध हुआ था. उन्होंने कहा, “भारत के एमिशन क्राइटेरिया दुनिया के बराबर हैं. अब यूरो VII की चर्चा है. हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं।.
उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली सरकार के पास पेट्रोल-डीजल वाहन प्रतिबंध पर कानून बनाने और जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस कदम की वैधता से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठाने का अधिकार है.दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों पर बैन को लेकर गडकरी ने कहा कि ये मामला कानूनी समीक्षा के साथ सुलझाया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि पुराने पेट्रोल या डीजल वाहनों को CNG में बदलना एक बेहतर आर्थिक विकल्प हो सकता है.
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