
पटना । राजद नेता तेजस्वी यादव (RJD leader Tejashwi Yadav) ने कहा कि नीतीश सरकार (Nitish Government) ने बिहारवासियों की अपेक्षा के विपरित (Contrary to the expectations of the People of Bihar) बजट पेश किया (Presented the Budget) । इसे हवा-हवाई बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें बिहार की चिंता है और उन लोगों को सरकार बचाने की चिंता है।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बजट 3.17 लाख करोड़ रुपए का है, लेकिन राजस्व नहीं आ रहा है। उन्होंने सरकार से पूछा कि बात इतनी तक कैसे पहुंची। उन्होंने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया बजट भी बताया। तेजस्वी यादव ने तंज भरे लहजे में कहा कि बजट झूठ की सच्चाई से लिखा हुआ है। रविवार को हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भी कहा था कि अगर हमारा कॉपी भी करना है तो कर लें, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि यह विधानसभा चुनाव से पहले का आखिरी बजट था। ये वे लोग नहीं हैं, जो दोबारा सत्ता में आएंगे। हमारी सरकार बनेगी तो पहले महीने से 2,500 रुपए ‘माई बहिन सम्मान योजना’ के तहत सभी महिलाओं के खाते में भेजे जाएंगे। इस बजट से न ही महिलाओं को कोई फायदा होने वाला है, न ही युवाओं को फायदा होगा, न किसानों को कोई फायदा होने वाला है। सरकार के पास कहीं कोई विजन नहीं है, बिना विजन के ही इस बजट को सरकार ने सदन में लाने का काम किया है।
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी की पीठ थपथपाने पर कहा कि भाषण खोखला था तो पीठ थपथपाकर नजर उधर करना था। उनके जैसा कोई मिमिक्री नहीं कर सकता है। मैं मंगलवार को सदन में बोलूंगा और सरकार की पोल खोलूंगा। आने वाले चुनाव में बिहार की जनता एनडीए को सबक सिखाएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बजट को बेजान, बेअसर और उम्मीद के प्रतिकूल करार दिया। उन्होंने कहा कि चुनावी साल के बजट में उम्मीद थी कि रोजगार की बात होगी, महंगाई को कम करने की कम से कम तात्कालिक कोशिश होगी, युवाओं के लिए रोजगारयुक्त प्रशिक्षण की बात होगी, महिलाओं को 500 रुपए में गैस सिलेंडर मुहैया कराने की बात होगी, लेकिन सब के सब ढाक के तीन पात।
उन्होंने आगे कहा कि डबल इंजन की सरकार का यह आखिरी बजट है इसलिए बड़ी उम्मीद थी कि बिहारवासियों को कम से कम महंगाई और बेरोजगारी की मार से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन महंगाई को कम करने की जगह सरकार ‘तरकारी आउटलेट’ के जरिए मुनाफा कमाने की कोशिश में लग गई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
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