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नीतीश-केसीआर पांच दिन भी नहीं चल पाए साथ, JDU ने खारिज किया प्रस्ताव

September 05, 2022

पटना। जदयू (JDU) की प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिनी बैठक का लब्बोलुआब यही है कि विपक्ष (Opposition) को एकजुट करने की रणनीति और केंद्र सरकार (Central government) के खिलाफ मुद्दे क्या होंगे, इसके प्रारूप पर मंथन हुआ। जदयू ने यह भी साफ किया कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) प्रधानमंत्री के दावेदार नहीं (no prime ministerial candidate) हैं। ताकि, किसी को यह भ्रम न रहे कि जदयू नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के लिए विपक्ष को एकजुट कर रहा है।

भाजपा की ओर से यह बार-बार कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के लिए एनडीए (NDA) से बाहर हुए हैं। उसकी काट में यह बात कही गई है। इस बीच जदयू ने केसीआर (KCR) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। 31 अगस्त को पटना पहुंचे केसीआर दिन भर नीतीश कुमार के साथ रहे थे।


क्या चाहते थे केसीआर?
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ देशभर में विपक्ष को एकजुट करने के लिए अधिकृत कर दिया है। पार्टी की प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा जारी प्रस्तावों पर गौर करें तो यह साफ होता है कि उसका पूरा फोकस भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करना है। साथ-ही-साथ पार्टी ने यह भी माना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरे विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर आना ही होगा। इसमें विभिन्न प्रदेशों के क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ कांग्रेस और वामदलों को भी शामिल करना होगा। एक लक्ष्य बनाकर दलों को आपसी मतभेद भुलाकर साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा। तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव द्वारा गैर भाजपा और गैर कांग्रेस गठबंधन के प्रस्ताव को जदयू ने खारिज कर दिया है। हालांकि, जदयू ने यह भी संकेत दिया कि वह राव को भी सभी विपक्षी दलों के साथ लाने की पहल करेगा।

दो दिनी बैठक में हौसले बुलंद दिखाने की कोशिश
जदयू ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में जिसे सबसे अहम मुद्दा बताया है, उनमें कहा है कि देश नाजुक दौर से गुजर रहा है। देश में आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है। विपक्ष की आवाज को बंद करने के लिए केंद्र सरकार सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल हथियार के रूप में कर रही है। महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। किसानों के हितों की अनदेखी की जा रही है। देश में तनाव पैदा किया जा रहा है। हालांकि नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के अभियान में सोमवार को ही दिल्ली जाने वाले हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे पूरे देश का भ्रमण करेंगे। बहरहाल, जदयू ने अपने दो दिनी बैठक में यह दिखाने की कोशिश की कि उसके हौसले बुलंद हैं। वह हर वार पर जोरदार पलटवार कर अपना तेवर दिखाएगा।

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