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विपक्षी एकता को लेकर फूंक- फूंककर कदम रख रहे नीतीश, ‘PM’ के सवाल पर संभलकर बढ़ा रहे कदम

June 13, 2023

नई दिल्‍ली (New Delhi) । विपक्षी एकता (opposition unity) की राह में किसी प्रकार का भ्रम रोड़ा न बने, इसके लिए इस बार फूंक- फूंककर कदम रखा जा रहा है। एनडीए (NDA) की तरफ से उठाए जा रहे सवालों पर खासतौर से सावधानी बरती जा रही है। बीते कुछ समय से जदयू कार्यकर्ता पार्टी के तमाम कार्यक्रमों में यह नारा लगाते नजर आए कि देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो। वैसे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वह पीएम पद के दावेदार नहीं हैं।


उनका लक्ष्य सिर्फ विपक्ष को मिशन 2024 के लिए एकजुट करना है। लेकिन, पार्टी कार्यक्रमों में लगने वाले नारों को आड़ बनाकर एनडीए के नेता नीतीश कुमार और विपक्षी एकता की कवायद पर प्रहार करते रहे हैं। इस नारे से आगे कोई भ्रम की गुंजाइश न बने, इसके लिए जदयू ने अपने कार्यकर्ताओं को आगाह किया है।

पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि यह नारा न लगाएं, इससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है। नीतीश पीएम पद के दावेदार नहीं हैं। पटना में 23 जून को 18 विपक्षी दलों की बैठक होगी। इस बैठक की सार्थकता पर एनडीए की तरफ से तमाम सवाल उठाए जाते रहे हैं। एनडीए सवालों के बहाने प्रहार का रास्ता अपना रहा है, मसलन जिन दलों के नेता इस बैठक में शामिल होंगे, उन सबके सुप्रीमो खुद पीएम पद के दावेदार हैं। इसका भी जवाब जदयू- राजद की तरफ से लगातार दिया जा रहा है।

12 जून की बैठक स्थगित होने के बाद एनडीए नेताओं के प्रहार तेज हो गए थे और महागठबंधन के कार्यकर्ताओं का उत्साह थोड़ा ठंडा पड़ा था, लेकिन 23 को जून बैठक की नई तारीख के ऐलान और इसमें तमाम दलों के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की सहमति से इनका उत्साह दो गुना हो गया है।

दरअसल, नीतीश कुमार की विपक्षी दलों को एकजुट करने की दस माह पुरानी मुहिम पहला पड़ाव पार कर चुकी है। इसलिए महागठबंधन की तरफ से यह भी साफ कहा जा रहा है कि नेता का चयन और सीटों का बंटवारा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। जिस तरह डेढ़ दर्जन दलों में साथ आने पर सहमति बनी है, उसी तरह सभी दलों की सहमति से इन दो मुद्दों का भी समाधान निकल आएगा। एकजुट होकर 2024 में एनडीए का मुकाबला करने पर विपक्षी दलों के सुर एक हैं।

बहरहाल, इस बैठक पर देशभर की सियासत समेत पक्ष- विपक्ष के दलों, राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले तमाम लोगों की नजर है। महागठबंधन बिहार के लिए 23 जून की बैठक को ऐतिहासिक करार दे रहा है। तमाम नेता दावा कर रहे हैं कि सत्ता के खिलाफ संघर्ष का आगाज बिहार से होता रहा है।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का दावा है कि भाजपा मुक्त भारत बनाने का उदघोष पाटलिपुत्र की ऐतिहासिक धरती से होगा। वैसे भाजपा नेताओं का दावा है कि 23 जून की बैठक का कोई सार्थक परिणाम नहीं आएगा। विपक्ष अपने अंतरविरोधों के कारण एकजुट हो ही नहीं सकता है।

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