
पटना। बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish kumar) राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में अध्यक्ष जगदानंद सिंह और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के बीच चल रही ‘तकरार’ (Waffle) पर कुछ भी बोलने से बचते रहे (Refrained from speaking) । उन्होंने बस इतना कहा कि राजद का यह अंदरूनी मामला है। उन्होंने कहा कि हमारी आदत भी नहीं है इन सब मामलों पर कुछ बोलने की।
मुख्यमंत्री गुरुवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर (वीसी) की नियुक्ति को लेकर चर्चा की गई। राजभवन से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल से शिष्टाचार मुलाकात होती रहती है। वाइस चांसलर की नियुक्ति को लेकर विचार विमर्श के लिए यहां आए थे।
राजद में चल रहे तकरार के संबंध में जब पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा, यह उनका अंदरूनी मामला है। उस पर हमारी कोई प्रतिक्रिया नहीं है।
नीतीश ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बुधवार की शाम को खबर मिली कि 23 अगस्त को दिन के 11 बजे प्रधानमंत्री से मिलने का समय मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जातीय जनगणना को लेकर जो प्रतिनिधिमंडल मिलेगा, उसकी सूची पत्र में ही भेज दी गई थी। भाजपा के लोग भी अपनी तरफ से नाम तय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम रूप से जो सूची बनेगी, उसे प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया जाएगा। दिल्ली में होने वाले मुलाकात में तेजस्वी यादव के जाने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तेजस्वी यादव भी साथ जाएंगें।
उन्होंने कहा, विधसनसभा के मानसून सत्र के दौरान तेजस्वी यादव के साथ विपक्ष के कई नेताओं ने मुझसे मुलाकत की थी और अपनी बातें रखी थी। उनलोगों ने जातीय जनगणना कराने को लेकर प्रस्ताव रखा था, जिस पर मैंने भी कहा था कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। इसके बाद प्रधानमंत्री को पत्र भेजा गया और उनसे मिलने का समय मांगा गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय मिलने की जानकारी सभी को दे दी गई है।
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